वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 आज से प्रभावी, 15 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की संभावना

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नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचना जारी किए जाने के बाद वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 सोमवार से औपचारिक रूप से लागू हो गया है। अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में अधिनियम की धारा 1 की उपधारा (2) के तहत 8 अप्रैल, 2025 को अधिनियम के प्रावधानों के लागू होने की तारीख के रूप में अधिसूचित किया गया।

अधिसूचना में कहा गया, “प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए… केंद्र सरकार द्वारा 8 अप्रैल, 2025 को उस तिथि के रूप में नियुक्त किया जाता है जिस दिन उक्त अधिनियम के प्रावधान लागू होंगे।”

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 5 अप्रैल को इस विधेयक को मंजूरी दी थी, जिसके पहले यह 3 अप्रैल की आधी रात के बाद लोकसभा में 288 मतों के समर्थन और 232 के विरोध के साथ पारित हुआ था। इसके बाद 4 अप्रैल की सुबह राज्यसभा में यह विधेयक 128 मतों के समर्थन और 95 के विरोध से पारित किया गया।

यह कानून राजनीतिक और कानूनी हलकों में बहस का केंद्र बना हुआ है। भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन ने इसे पारदर्शिता बढ़ाने और पिछड़े मुसलमानों और महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में अहम कदम बताया है, जबकि विपक्षी इंडिया गठबंधन ने इसे असंवैधानिक और भेदभावपूर्ण करार दिया है।

इस अधिनियम के खिलाफ अब तक 10 से अधिक याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की जा चुकी हैं। याचिकाकर्ताओं में प्रमुख राजनीतिक नेता, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) और जमीयत उलमा-ए-हिंद शामिल हैं। याचिकाओं में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन पर कानून के संभावित प्रभाव और इसकी संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है।

सुप्रीम कोर्ट में इन याचिकाओं पर सुनवाई 15 अप्रैल को संभावित है। इस बीच, केंद्र सरकार ने कैविएट दाखिल कर यह अनुरोध किया है कि उसका पक्ष सुने बिना कोई आदेश पारित न किया जाए।

वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 आने वाले हफ्तों में राजनीतिक और कानूनी टकराव का केंद्र बना रह सकता है।

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