धर्म परिवर्तन का नया हथियार: ‘हर महीने पैसे, इलाज और रहने की सुविधा’ – 5 साल पहले ईसाई बना शख्स अब फैला रहा है मजहबी जहर

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,9 अप्रैल।
 प्रदेश के आष्टा जिले से एक चौंकाने जाने वाली घटना सामने आई है, जहाँ धर्मांतरण की सुनियोजित साजिश हुई है। कैलाश बरेला नाम का एक व्यक्ति, जिसने खुद उसने 5 साल पहले हिंदू धर्म को छोड़कर ईसाई धर्म अपना लिया था, अब गांव के भोले-भाले लोगों को पैसे और सुविधाओं का लालच देकर धर्म बदलने के लिए प्रेरित कर रहा है।

सिद्धिगंज पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया है।शिकायतकर्ता जागर सिंह खरतीय ने पुलिस को जानकारी दी कि कैलाश बरेला अक्सर पानीगांव जाकर धर्म प्रचार की आड़ में प्रलोभन देता है । वह लोगों से वादा करता है कि यदि वे ईसाई बन जाएँ, तो उन्हें हर महीने पैसे बीमारी के इलाज , रहने की व्यवस्था, और आर्थिक लाभ मिलेंगे।

शिकायत के अनुसार, बरेला ने खुलेआम कहा –
“बनो ईसाई, तुम्हारी परेशानियाँ दूर हो जाएँगी। बीमारी भी भागेगी और गरीबी भी। प्रभु यीशु सब ठीक कर देंगे।”
परंतु इस बार ग्रामीणों ने चुप नहीं बैठने का फैसला किया। गांव के लोगों ने एकजुट होकर सिद्धिगंज थाना पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया। धारा 295A और छत्तीसगढ़ धर्म स्वतंत्रता अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

कैलाश बरेला की गाथा चिंताजनक है। एक समय पूजा-पाठ में विश्वास रखने वाला यह व्यक्ति अब मजहबी एजेंडे को फैलाने वाला हो गया है। गांव वालों का आरोप है कि उसे किसी बाहरी मिशनरी संगठन से फंडिंग मिल रही है, जिसकी बदौलत वह लोगों को खरीदने की कोशिश कर रहा है।

गांव के बुजुर्गों से लेकर युवाओं तक ने इस प्रयास की कड़ी निंदा की। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “हमारे धर्म और परंपराओं के साथ खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। ये लोग हमारी आस्था को तोड़ने आए हैं, लेकिन हम एकजुट हैं।”

यह घटना प्रशासन के कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या अब तक इस तरह की गतिविधियाँ चुपचाप चलती रहीं? क्या कोई नेटवर्क इसके पीछे है? जैसे ही इन प्रश्नों के जवाब समय माँगेंगे, उनके उत्तर भी सही समय पर मिल जाएंगे, लेकिन एक बात स्पष्ट है — आष्टा का समाज अब जाग चुका है।

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