NIA, RAW, SWAT Team और स्पेशल प्लेन: तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण का सीक्रेट मिशन

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,10 अप्रैल।
भारत की न्याय व्यवस्था के लिए एक अहम पड़ाव की ओर देश बढ़ रहा है। 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिका से भारत लाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। इस ऑपरेशन की गोपनीयता और सुरक्षा व्यवस्था इतनी सख्त है कि इसे किसी फ़िल्मी कहानी से कम नहीं कहा जा सकता। NIA, RAW, SWAT और एयर फोर्स—सभी एजेंसियां इस मिशन में शामिल हैं और पूरा ऑपरेशन एक रणनीतिक ‘एक्सट्राडिशन प्लान’ के तहत चलाया जा रहा है।

तहव्वुर हुसैन राणा पाकिस्तान मूल का एक कनाडाई नागरिक है, जिसे अमेरिका में कई वर्षों से हिरासत में रखा गया था। उस पर आरोप है कि उसने लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठन की मदद करते हुए 2008 के मुंबई हमलों में सक्रिय भूमिका निभाई थी। भारत लंबे समय से उसका प्रत्यर्पण चाहता रहा है और अब जब अमेरिकी अदालत ने मंजूरी दे दी है, तो भारत ने उसे लाने के लिए अपनी सबसे कुशल टीमें तैनात कर दी हैं।

1. प्लानिंग में NIA और RAW की भूमिका

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस पूरे ऑपरेशन की कानूनी और जांच प्रक्रिया को संभाला है। जबकि रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) ने इस मिशन की इंटेलिजेंस मॉनिटरिंग की। RAW ने अमेरिका में राणा की स्थिति, मानसिक स्थिति और सुरक्षा को लेकर कई महत्वपूर्ण इनपुट्स भारत सरकार को दिए, ताकि ऑपरेशन में कोई कमी न रह जाए।

2. सुरक्षा घेरे में SWAT टीम

तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत लाने के दौरान किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए SWAT (Special Weapons and Tactics) टीम को भी तैनात किया गया है। एयरपोर्ट से लेकर फ्लाइट तक, और फिर दिल्ली पहुंचने तक की पूरी सुरक्षा इन प्रशिक्षित कमांडोज़ के जिम्मे है।

3. स्पेशल चार्टर्ड फ्लाइट: कोई सामान्य उड़ान नहीं

तहव्वुर राणा को भारत लाने के लिए एक स्पेशल चार्टर्ड प्लेन की व्यवस्था की गई है। यह फ्लाइट अमेरिका से सीधा दिल्ली या किसी अन्य अज्ञात एयरबेस पर लैंड करेगी। इस प्लेन में केवल सीमित अधिकारी और सुरक्षा बल मौजूद होंगे—कोई आम यात्री या मीडिया कर्मी नहीं।

4. भारत पहुंचने पर एक और सुरक्षा कवच

भारत पहुंचने के बाद राणा को तुरंत NIA की कस्टडी में लिया जाएगा। दिल्ली स्थित किसी अज्ञात सुरक्षित स्थान पर उससे पूछताछ की जाएगी। सुरक्षा को लेकर इतना सख्त प्रबंध किया गया है कि कोर्ट में पेशी तक के लिए स्पेशल रूट और सुरक्षा कोड तैयार किए गए हैं।

तहव्वुर राणा सिर्फ एक अभियुक्त नहीं, बल्कि कई अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क्स की कड़ी हो सकता है। भारत के लिए यह मिशन इसलिए भी खास है क्योंकि इससे न केवल 26/11 हमले की जांच को मजबूती मिलेगी, बल्कि पाकिस्तान स्थित आतंकी नेटवर्क्स की पोल खोलने का एक अहम दस्तावेज भी हाथ लग सकता है।

तहव्वुर राणा का भारत प्रत्यर्पण केवल एक कानूनी प्रक्रिया नहीं है, यह एक संदेश है—भारत अब अपने दुश्मनों को दुनिया के किसी भी कोने से लाकर न्याय के कटघरे में खड़ा कर सकता है। इस पूरे मिशन की गोपनीयता, समन्वय और दृढ़ता यह दर्शाती है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में किसी भी स्तर पर समझौता करने को तैयार नहीं है।

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