समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,11 अप्रैल। महाराष्ट्र सरकार ने धारावी पुनर्विकास परियोजना (डीआरपी) के तहत मुलुंड, कांजुरमार्ग और भांडुप में 256 एकड़ साल्ट पैन भूमि आवंटित करने की मंजूरी दे दी है। इसका उद्देश्य अयोग्य झुग्गी निवासियों का पुनर्वास करना है। यह कदम मुंबई की विकास योजना 2034 के अनुरूप है, जिसमें किफायती आवास के लिए साल्ट पैन भूमि को चिन्हित किया गया है।
साल्ट पैन भूमि, जिसे नमक मैदान भी कहा जाता है, नमक और अन्य खनिजों से ढका हुआ एक समतल जमीन का क्षेत्र है। जब कभी समुद्री जल इस भूमि पर बहता है, तो वह अपने पीछे नमक और अन्य खनिज छोड़ जाता है, जिससे एक खास पारिस्थितिकी तंत्र का विकास होता है। यह पारिस्थितिकी तंत्र शहर को बाढ़ से बचाने में सहायक सिद्ध होता है।
हालांकि पर्यावरण को लेकर आलोचकों और विपक्षियों द्वारा विरोध और चिंताएं उठाई गई हैं, लेकिन डीआरपी के सीईओ एस.वी.आर. श्रीनिवास ने भरोसा दिलाया है कि यह भूमि विकास के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है, जिसे एक दशक पहले भारत के नमक आयुक्त ने वापस ले लिया था।
श्रीनिवास ने यह भी कहा कि, “ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे के बनने के बाद से समुद्र ने इन भूखंडों को छुआ नहीं है, और निर्माण से पहले सभी जरूरी पर्यावरणीय मंज़ूरियाँ ली जाएँगी।” यह भूमि एक्सप्रेसवे के पश्चिम में है, जो पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील आर्द्रभूमि से दूर है, जहाँ अक्सर राजहंस देखे जाते हैं।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि बिना ऐसी भूमि का उपयोग किए मुंबई का पुनर्विकास करना संभव नहीं है। केंद्र सरकार ने विकास के दृष्टिकोण से पहले ही वडाला में आबकारी विभाग के परिसर के लिए 55 एकड़ और मेट्रो लाइन 6 के कार शेड के लिए कंजूर में 15 एकड़ जमीन आवंटित कर दी है।
महाराष्ट्र सरकार का यह कदम ना केवल मुंबई के झुग्गी झोपड़ी निवासी के जीवन का कायाकल्प करेगा, बल्कि समाज के बीच उनका एक अस्तित्व भी कायम करेगा।