आंबेडकर जयंती पर मंत्री हफीजुल हसन का विवादित बयान: कहा – ‘मुस्लिमों के लिए संविधान से पहले शरीयत’

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धनबाद, 14 अप्रैल – आंबेडकर जयंती के अवसर पर झारखंड सरकार में मंत्री हफीजुल हसन अंसारी का बयान सुर्खियों में आ गया है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय के लिए शरीयत का महत्व भारतीय संविधान से पहले है। अंसारी ने यह भी कहा, “हमारे सीने में क़ुरान है, और हमारा जीवन शरीयत के अनुसार चलता है।”

धनबाद में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान दिए गए इस बयान पर राजनीतिक हलकों में प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं। विपक्षी दलों ने मंत्री पर संविधान का अपमान करने का आरोप लगाया है, वहीं समर्थकों का कहना है कि उन्होंने केवल धार्मिक आस्था की बात की है।

हफीजुल हसन अंसारी ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर ने सभी धर्मों को बराबरी का अधिकार देने वाला संविधान बनाया, जिसमें धार्मिक स्वतंत्रता की पूरी गारंटी है।

हालांकि, मंत्री के इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर भी तीखी बहस छिड़ गई है। अब देखना होगा कि राज्य सरकार इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाती है।

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