सोने की कीमतों ने बनाया नया रिकॉर्ड: ट्रंप और पॉवेल के बीच दर कटौती को लेकर बढ़े तनाव का असर
नई दिल्ली, 22 अप्रैल — अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के बीच ब्याज दरों में कटौती को लेकर चल रहे टकराव के बीच मंगलवार को सोने की कीमतों ने नया रिकॉर्ड बना दिया। डॉलर की कमजोरी और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं ने इस तेज़ उछाल को और बल दिया।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर जून 2025 डिलीवरी वाले सोने का वायदा ₹98,753 प्रति 10 ग्राम पर खुला और कुछ ही मिनटों में ₹99,178 प्रति 10 ग्राम के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया — जो अब तक का रिकॉर्ड है।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज में कमोडिटी और करेंसी प्रमुख अनुज गुप्ता ने बताया, “राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा जेरोम पॉवेल की सार्वजनिक आलोचना के बाद अमेरिकी डॉलर तीन साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है, जो आज सोने की कीमतों में आई इस ऐतिहासिक तेजी का मुख्य कारण है।”
इस समय वैश्विक निवेशक आर्थिक अस्थिरता और अमेरिका-चीन व्यापार तनावों से चिंतित हैं, और पारंपरिक सुरक्षित निवेश माने जाने वाले सोने की ओर रुख कर रहे हैं।
DeVere ग्रुप के सीईओ निगेल ग्रीन ने कहा, “ट्रंप ब्याज दरों में आक्रामक कटौती चाहते हैं, लेकिन पॉवेल दबाव में झुकने को तैयार नहीं हैं। दोनों के बीच यह मतभेद अब सार्वजनिक रूप ले चुका है और वैश्विक निवेशक अब इंतजार नहीं कर रहे हैं।”
एलकेपी सिक्योरिटीज में उपाध्यक्ष और कमोडिटी-करेन्सी रिसर्च एनालिस्ट जतिन त्रिवेदी ने कहा, “सप्ताह की शुरुआत भारी खरीदारी के साथ हुई, जिससे सोने की कीमतें ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गईं। COMEX गोल्ड $3,500 के स्तर को पार कर गया, जबकि एमसीएक्स गोल्ड ने भी ऑल टाइम हाई छू लिया।”
विश्लेषकों का मानना है कि जब तक अमेरिकी मौद्रिक नीति को लेकर यह टकराव जारी रहेगा, तब तक वैश्विक बाजारों में अस्थिरता बनी रहेगी और निवेशकों के लिए सोना सुरक्षित विकल्प बना रहेगा।
ट्रंप और पॉवेल के बीच नीति को लेकर चल रहा संघर्ष न केवल अमेरिका की आंतरिक आर्थिक दिशा को प्रभावित कर रहा है, बल्कि इसका असर वैश्विक बाजारों और खासकर सोने जैसे सुरक्षित निवेश माध्यमों पर स्पष्ट रूप से दिख रहा है। आगामी सप्ताहों में यदि यह तनाव और बढ़ता है, तो सोने की कीमतें और ऊंचाई छू सकती हैं।