“अपने ही लोगों पर गोली चलाने से इनकार करने वाले शहीद”: हरदीप सिंह पुरी ने दी शहीद नानक सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,23 अप्रैल। देश ने मंगलवार को एक ऐसे वीर स्वतंत्रता सेनानी को याद किया, जिसने अपने सिद्धांतों और मानवता के लिए British हुकूमत का आदेश ठुकरा दिया — शहीद नानक सिंह। राजधानी में आयोजित ‘शहीद नानक सिंह स्मृति व्याख्यान’ में केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस महान शहीद को नमन करते हुए कहा, “वो शख्स जिसने अपने ही देशवासियों पर गोली चलाने से इनकार कर दिया, असल मायनों में शहीद कहलाने के हकदार हैं।”
हरदीप सिंह पुरी ने कहा, “वो ब्रिटिश पुलिस का हिस्सा थे, लेकिन जब उन्हें अपने ही लोगों पर गोली चलाने का आदेश मिला, उन्होंने मना कर दिया। सिर्फ इतना ही नहीं, उन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर हजारों जिंदगियां बचाईं।” 5 मार्च 1947 को मुल्तान के डीएवी कॉलेज में छात्रों की जान बचाते हुए नानक सिंह वीरगति को प्राप्त हुए।
पुरी ने यह भी बताया कि नानक सिंह न सिर्फ एक क्रांतिकारी थे, बल्कि भारतीय राष्ट्रीय सेना (INA) के सिपाहियों की कानूनी लड़ाई में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई। “उनकी विधवा, जो मात्र 35 वर्ष की थीं, ने आठ बच्चों की परवरिश की, जिनमें से पांच भारतीय सशस्त्र बलों में शामिल हुए। उनके वंशजों में UK की हाउस ऑफ लॉर्ड्स के सदस्य लॉर्ड रामी रेंजर भी हैं।”
पुरी ने कहा, “आज जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है, तब हमें इन शहीदों के बलिदानों को याद रखना चाहिए। यही वो प्रेरणाएं हैं जिनसे नया भारत बन रहा है।”
हरदीप सिंह पुरी ने भारत की आधुनिक प्रगति की झलक भी पेश की — “आज दिल्ली मेट्रो रोज़ाना 75 लाख यात्रियों को ढो रही है। जापान और ब्रिटेन को पीछे छोड़ते हुए हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी मेट्रो नेटवर्क बन चुके हैं। जल्द ही अमेरिका को भी पीछे छोड़ देंगे।”
पुरी ने ऊर्जा के क्षेत्र में उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा, “2014 में बायोफ्यूल ब्लेंडिंग 1.4% थी। आज यह 20% है — 2030 का लक्ष्य छह साल पहले पूरा कर लिया गया।” उन्होंने यूपी में 6 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों की शुरुआत और भविष्य की योजनाओं का भी जिक्र किया।
EV और स्मार्ट मोबिलिटी की दिशा में उठाए जा रहे कदमों को लेकर उन्होंने कहा, “Bharat Mobility इवेंट में 17 इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहन लॉन्च के लिए तैयार हैं। ये भविष्य नहीं, वर्तमान है।”
पुरी ने व्याख्यान के अंत में कहा, “यह मेरे लिए गर्व की बात है कि शहीद नानक सिंह फाउंडेशन ने मुझे यह व्याख्यान देने का अवसर दिया। ये वो कहानियां हैं जिनसे देश बना है।”
शहीद नानक सिंह की कहानी सिर्फ इतिहास नहीं, बल्कि एक प्रेरणा है — कि कैसे एक व्यक्ति अपने कर्तव्य से ऊपर इंसानियत को रखता है। ऐसे बलिदान ही देश की नींव को मजबूत करते हैं, और भारत जैसे महान राष्ट्र की कहानी को अमर बनाते हैं।