अशोक जैन
राजनैतिक विश्लेषक ( चेन्नई )
राजनीति में कुछ भी हो सकता है, सब कुछ हो सकता ,यह बात भारतीय राजनीति में पिछले कई दशकों से हम देखते आ रहे हैं । राजनीति में न कोई स्थायी शत्रु है न कोई स्थायी मित्र । जैसा समय ,जैसा माहौल, जैसी हवा- वैसा परिणाम ही देखने को मिलता है । तमिलनाडु की राजनीति में भी यही बात बिल्कुल सटीक एवं स्पष्ट नजर आती है । पिछले तीन चार दशकों से राज्य के चुनाव परिणाम हमे देखने को मिले । द्रमुक की वर्तमान सरकार स्टालिन के नेतृत्व में 2026 में अपना कार्यकाल पूरा करने जा रही है । इसके पूर्व जयललिता के निधन के बाद अन्नाद्रमुक की सरकार ने भी पलनीस्वामी की सूझबूझ से कार्यकाल को पूर्ण किया था । राज्य की दोनों प्रमुख पार्टियाँ अपनी अपनी रणनीति बनाने में जुटी हुई हैं ।
अन्नाद्रमुक पार्टी में जयललिता के निधन के बाद पार्टी के आंतरिक कलह विवाद चुनाव चिन्ह ऐसे अनेक ज्वलंत विषयों को झेलते हुए पार्टी को एक जुट रखने की कला अद्वितीय है। ये श्री पलनीस्वामी जी के मिलनसार व्यक्तित्व का परिचय देता है । आगामी चुनाव में भावी मुख्यमंत्री के रूप में अपनी पार्टी की छवि को बरकरार रखते हुए अपनी कार्यकुशलता से सत्ता पाकर सरकार बनाने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी है। पार्टी कार्यकर्ताओं में एक नया जोश भरकर चुनाव की तैयारी में लगाने का संकल्प कर लिया है। वर्तमान राज्य सरकार की विफलताओं ,कमियों एवं भ्रष्टाचार आरोपों को उजागर करते हुए अन्नाद्रमुक पार्टी की छवि को अधिक सुदृढ़ और मजबूत करने में लग गई है । हाल ही में चेन्नई में अन्नाद्रमुक भाजपा गठबंधन का ऐलान माननीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी के उपस्थिति में अन्नाद्रमुक के श्री परनीस्वामी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनेगी व इसका विजयी शंखनाद कर दिया गया ।
अन्नामलाई का भाजपा अध्यक्ष पद से हटने के बाद श्री नैनार नागेंद्रन का कमान संभालना भी एक संयोग की ही बात बन गई । शायद ये बात नियति को मंजूर है श्री नैनार नागेंद्रन पूर्व में अन्नाद्रमुक के जयललिता के कार्यकाल में वरिष्ठ विश्वसनीय राज्यमंत्री रह चुके हैं । अपने पुराने संबंधों के कारण ये गठबंधन सहज में अनुकूल ही साबित होगा । भारतीय राजनीति के चाणक्य श्री अमित शाह जी के 2026 में तमिलनाडु के एनडीए सरकार बनाने के लिए एक नई रणनीति बनाने में लगे हैं । पूर्व में आपसे दरारों को मिटाते हुए गृहमंत्री ने भाजपा पार्टी के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं को वाणी में संयम बरतते हुए लक्ष्मण रेखा में रहते हुए, शालीनता से पेश आने का निर्देश भी दिया है । आपसी रिश्तों को चुनाव के अंतिम दिन तक शालीनता से निभाना जीत का एकमात्र मंत्र है । क्योंकि राजनीति में कुछ भी हो सकता है जयललिता की छवि एवं नारी सशक्तिकरण को पुनः स्थापित करने के लिए अन्नाद्रमुक के नेता श्री पलनीस्वामी ने पार्टी की प्रचार समिति की वरिष्ठ नेत्री अभिनेत्री गौतमी जी पूर्व में भाजपा के उनके हाथ में कमान सौंप दी है ।
गौतमी जी एक राष्ट्रवादी चिंतक शिक्षित ,अभिनेत्री ,बहुमुखी प्रतिभा ,कुशल वक्ता एवं अनेक विषयों की ज्ञानी, अनुभवी और महिला होने के कारण उन्होंने महिला वोट को पार्टी के जीत में परिवर्तित करने का संकल्प कर लिया है । गौतमी जी का चेहरा भाषा व्यवहार से हूबहू जयललिता की याद दिलाएगी । ये एक बहुत बड़ी रणनीति साबित होगी । अन्नाद्रमुक पन्ना प्रमुख और इकाई से लेकर राज्य के शीर्ष कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देकर चुनावी मैदान में उतारने जा रही है । अन्नाद्रमुक एवं भाजपा उनके गठबंधन के राजधर्म को पूर्णरूप से निभाना होगा । भाजपा तमिल नाडु को अपने उम्मीदवार का चयन प्रचार प्रणाली को बड़े सूक्ष्म व बारीकी से तय करना होगा ताकि विजय का लक्ष्य हासिल कर सके ।
भाजपा के आलाकमान के निर्देशानुसार श्री नैनार नागेंद्र का सरल स्वभाव, मिलनसार, लचीलापन ,चुनाव जीत में फायदेमंद रहेगा। एनडीए के दूसरे गठबंधन के पार्टी को भी पूरे विश्वास में लेते हुए चुनाव में जाना होगा । भले ही वो दल या पार्टी छोटी क्योंकि चुनाव में छोटा हर एक वोट का महत्त्व होता है । अन्नाद्रमुक प्रचार प्रसार में एक नई जान एक नवीनतम तरीका निभाने की तैयारी भी करेगी । राजनीति में कब हवा किस ओर चले यह पता नहीं चलता है । इसीलिए अन्नाद्रमुक अपने बलबूते पर पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनाने की भी पूरी शक्ति लगाएगी ।
जैसे खेल ,दौड़ में अंतिम के कुछ कदम या दूरी जीत हासिल करने में मायने रखती है उसी प्रकार चुनाव प्रचार के अंतिम दौर में असंभव स्थिति संभव स्थिति में बदल जाती है । हालांकि मतदाता एक दो माह पूर्व अपना मन बना लेता है कि वह इस बार किसको वोट देने वाला है । लेकिन राजनीति में कुछ भी हो सकता है ,सब कुछ हो सकता है । आने वाले दिनों में तमिलनाडु की राजनीति में उभर रहे क्षेत्रीय दलों पर नजर रखनी होगी । सीमान ( एनटी के) विजय (टी वी के ) का रुख ,बर्ताव , झुकाव किस तरफ है इस पर भी ध्यान रखना पड़ेगा । कुल मिलाकर 2026 तमिलनाडु का विधान सभा चुनाव भारतीय राजनीति में एक बहुत बड़ा बदलाव लाने की क्षमता दिखाएगा । दो पत्ती जो अन्नाद्रमुक का चुनाव चिन्ह है अपना कमाल दिखाएगा कमल के साथ स्वच्छ राजनीति एवं विकसित तमिल नाडु का सुनहरा चित्र देखने को मिलेगा ऐसा विश्वास है ।