”पूर्व इसरो प्रमुख डॉ. के. कस्तूरीरंगन का निधन”

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28 अप्रैल, बेंगलुरु: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व चेयरमैन और प्रख्यात वैज्ञानिक डॉ. के. कस्तूरीरंगन का 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने शुक्रवार सुबह बेंगलुरु स्थित अपने निवास पर अंतिम सांस ली। विज्ञान और शिक्षा के क्षेत्र में उनके असाधारण योगदान को लेकर देशभर में शोक की लहर है। उनके पार्थिव शरीर को 27 अप्रैल को बेंगलुरु के रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट (RRI) में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा, जहां देशभर से विज्ञान प्रेमी, विद्यार्थी और गणमान्य व्यक्ति उन्हें श्रद्धांजलि देंगे।
डॉ. कस्तूरीरंगन वर्ष 1994 से 2003 तक इसरो के चेयरमैन रहे। उनके नेतृत्व में भारत के कई उपग्रह सफलतापूर्वक प्रक्षेपित हुए और अंतरिक्ष विज्ञान में भारत को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली। विज्ञान के साथ-साथ उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में भी गहरी छाप छोड़ी, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) की रूपरेखा तैयार करने वाली समिति के वे अध्यक्ष थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा, “डॉ. कस्तूरीरंगन का दूरदर्शी नेतृत्व और राष्ट्र के लिए उनका निस्वार्थ योगदान हमेशा याद रखा जाएगा। उन्होंने इसरो को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया और नवाचार को बढ़ावा दिया।” भारत सरकार ने उन्हें विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों के लिए पद्मभूषण से सम्मानित किया था। डॉ. कस्तूरीरंगन का जाना पूरे देश के लिए अपूरणीय क्षति है। उनका जीवन वैज्ञानिक दृष्टि, सादगी और समर्पण का आदर्श उदाहरण रहेगा।

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