“Sensitivity of successful Chief Minister Dr. Mohan Yadav: Became the Messiah for the bereaved family”
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,28 अप्रैल। प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपनी संवेदनशीलता और तत्परता से एक दुखी परिवार को राहत देने की मिसाल पेश की। कुछ समय पहले एयरपोर्ट रोड पर एक दुखद हादसा हुआ, जब एक पेड़ गिरने के कारण एक परिवार के दंपति की असामयिक मृत्यु हो गई। यह घटना न केवल परिवार के लिए अपार दुख का कारण बनी, बल्कि समाज को भी झकझोर कर रख दिया। लेकिन इस दुखद घटना के बीच मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने संवेदनशील निर्णय से न सिर्फ परिवार को संबल दिया, बल्कि उनकी स्थिति को समझते हुए तुरंत सहायता का ऐलान भी किया।
जैसे ही इन शोकसंतप्त बच्चों को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मिलवाया गया, उन्होंने न केवल बच्चों के दुख को समझा, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से सहारा देने के लिए तुरंत निर्णय लिया। मुख्यमंत्री जी ने अधिकारियों को तत्काल दिशा-निर्देश जारी करते हुए दोनों बच्चों के लिए एक-एक लाख रुपए की एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) करने का आदेश दिया। यह कदम न केवल बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक ठोस पहल है, बल्कि मुख्यमंत्री की मानवीय संवेदनशीलता और उनके नेतृत्व को भी उजागर करता है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ कैबिनेट मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय, श्री तुलसीराम सिलावट, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, श्री सुमित मिश्रा और श्री शैलेंद्र दवे जी भी उपस्थित थे। इन नेताओं की उपस्थिति ने इस संवेदनशील घटना के प्रति सरकार की गंभीरता और सहयोग की भावना को दर्शाया। इस दौरान सभी ने मिलकर इस दुखद स्थिति में परिवार के प्रति संवेदनाओं का इज़हार किया और मुख्यमंत्री द्वारा की गई मदद को सराहा।
यह घटना यह साबित करती है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव न केवल प्रशासनिक कार्यों में दक्ष हैं, बल्कि वे आम जनता के साथ अपनी संवेदनशीलता और सहयोगात्मक दृष्टिकोण से भी जुड़ते हैं। उनकी यह पहल एक मिसाल बन गई है, कि किस प्रकार सरकारें और नेता अपने नागरिकों के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए दुख की घड़ी में उनके साथ खड़े रहते हैं।
डॉ. मोहन यादव का यह कदम यह भी दर्शाता है कि सरकार और समाज के बीच एक मजबूत संबंध होना चाहिए, जहां सरकार न केवल विकास कार्यों पर ध्यान दे, बल्कि संवेदनशीलता से जुड़ी घटनाओं में भी सक्रिय रूप से भागीदार बने। उनका यह कदम न केवल इस परिवार के लिए राहत का कारण बना, बल्कि यह संदेश भी देता है कि सरकार अपने नागरिकों के प्रति जिम्मेदारियों को समझती है और उन्हें निभाती है।
डॉ. मोहन यादव जी ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वे केवल एक सक्षम प्रशासनिक प्रमुख ही नहीं, बल्कि एक मसीहा भी हैं, जो हर संकट में अपने लोगों के साथ खड़े रहते हैं। इस पहल से न केवल उन बच्चों को संबल मिला, बल्कि प्रदेशभर में उनके नेतृत्व की सराहना भी हो रही है।