नई दिल्ली/श्रीनगर, 30 अप्रैल — पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक हाई-लेवल आपात बैठक की अध्यक्षता की और जो फैसला लिया, वह अब देशभर में चर्चा का विषय बन गया है।
बैठक में प्रधानमंत्री ने सेना को “फ्री हैंड” देने की घोषणा करते हुए साफ कहा:
“अब न समय की बाध्यता है, न जवाब का तरीका तय किया जाएगा — एक्शन कब और कैसे लेना है, इसका फैसला सेना खुद करेगी!”
सूत्रों के अनुसार, यह मीटिंग बेहद गोपनीय और तीव्र गति से हुई। इसमें गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, सेना प्रमुख और रॉ-आईबी के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।
मीटिंग में इन बिंदुओं पर गंभीर चर्चा हुई:
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हमले की टाइमलाइन और इंटेलिजेंस फेलियर
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आतंकी संगठनों के मूवमेंट और उनके पाकिस्तानी लिंक
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LoC के पास गतिविधियों पर रीयल टाइम मॉनिटरिंग
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ऑपरेशन की प्लानिंग – “कोई माफ नहीं किया जाएगा”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा:
“हमारे जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी। देश को चोट पहुंचाने वालों को ऐसी भाषा में जवाब मिलेगा, जो वो कभी भूल नहीं पाएंगे।”
उन्होंने सुरक्षा बलों से कहा कि उन्हें किसी तरह की राजनीतिक या कूटनीतिक बाधा का डर नहीं होना चाहिए। सरकार पूरी ताकत के साथ सेना के पीछे खड़ी है।
इस हमले में कई जवान शहीद हुए और कई घायल हैं। पहलगाम, जो अमरनाथ यात्रा का महत्वपूर्ण रूट है, वहां हुआ यह हमला सीधे तौर पर देश की आत्मा पर हमला माना जा रहा है।
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सीमा पार आतंकी ठिकानों पर टारगेटेड स्ट्राइक
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इंटेलिजेंस नेटवर्क को मजबूत करना
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कश्मीर घाटी में सघन सर्च ऑपरेशन
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डिप्लोमैटिक लेवल पर पाकिस्तान को घेरना
हमले के बाद देशभर में आक्रोश है। सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक लोग एक सुर में कह रहे हैं — “अब चुप्पी नहीं, करारा जवाब चाहिए!”
अब सबकी नजर सेना की अगली कार्रवाई पर है। क्या फिर से कोई “सर्जिकल स्ट्राइक” या “एयर स्ट्राइक” होगी? क्या भारत दुश्मनों को उन्हीं की भाषा में जवाब देगा?
यह लड़ाई अब सिर्फ सीमा पर नहीं, भारत की गरिमा की लड़ाई बन चुकी है।