आंबेडकर जयंती पर गुजरात में सैकड़ों दलितों ने अपनाया बौद्ध धर्म , जातिगत भेदभाव से परेशान होने का किया दावा

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समग्र समाचार सेवा
गांधीनगर, 15अप्रैल।गुजरात में बीआर आंबेडकर की 132वीं जयंती समारोह के मौके पर दलित और जनजाति समुदायों के ‘सैकड़ों लोगों’ ने बौद्ध धर्म अपना लिया. ऐसा दावा आयोजकों ने किया है. गुजरात की राजधानी गांधीनगर में स्वयं सैनिक दल (एसएसडी) ने विशाल रैली निकाली, जिसमें हजारों लोगों ने भाग लिया. भाग लेने वालों में ज्यादातर दलित एवं आदिवासी लोग थे. यह रैली आंबेडकर की जयंती पर निकाली गयी. राज्यभर से बड़ी संख्या में लोग गांधीनगर जिले के अडालज शहर में जुटे और वे फिर राज्य की राजधानी गांधीनगर में सेक्टर 11 में खुले मैदान में पहुंचे.

आयोजन स्थल पर रैली आयोजकों ने दावा किया कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के सैकड़ों लोगों ने हिंदू धर्म का परित्याग किया और ‘धर्म दीक्षा’ के माध्यम से बौद्ध धर्म को अपना लिया. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता बौद्ध भिक्षु भंते प्रज्ञारत्न ने की. हालांकि, आयोजकों ने इस बात का कोई सटीक आंकड़ा नहीं दिया कि कितने लोगों ने बौद्ध धर्म को अपनाया.

उल्लेखनीय है कि आंबेडकर ने 14 नवंबर, 1956 को अपने हजारों समर्थकों के साथ नागपुर में बौद्ध धर्म अपना लिया था. एसएसडी के मीडिया संयोजक अश्विन परमार ने कहा, ‘‘ लाखों लोग रैली में जुटे , सैकड़ों लोगों ने इस कार्यक्रम में बौद्ध धर्म अपना लिया. उनमें से कुछ ने तो पहले ही इस धर्मांतरण को विधि सम्मत करने के लिए संबंधित जिला अधिकारी कार्यालय को आवेदन दे दिये थे, जबकि अन्य शीघ्र ही ऐसा करेंगे.’’ इस मौके पर कई वक्ताओं ने दावा किया कि जाति आधारित भेदभाव के कारण दलित एवं आदिवासी हिंदू धर्म छोड़ने के लिए बाध्य हुए.

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