अर्जुन मुंडा ने मानव विज्ञान संग्रहालय का दौरा किया और सेलुलर जेल में वीर सावरकर को दी श्रद्धांजलि

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली , 29अप्रैल। अर्जुन मुंडा कल 27 अप्रैल (को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की 4 दिवसीय यात्रा पर पोर्ट ब्लेयर पहुंचे। नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने 1943 में पहली बार यहीं तिरंगा फहराया और इसे ब्रिटिश शासन से मुक्त घोषित किया।

अर्जुन मुंडा ने पोर्ट ब्लेयर में क्षेत्रीय मानव विज्ञान संग्रहालय का दौरा किया। अंडमान – निकोबार द्वीप समूह में छह जनजातियाँ विभिन्न द्वीपों में निवास करती हैं, इनमें से 4 नेग्रोइड मूल यानी ओंगेस, सेंटिनलीज़, जारवास और अंडमानी और 2 मंगोलियाई मूल की, यानी शोम्पेन और निकोबारी हैं।

जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने अंडमान – निकोबार द्वीप समूह में विशेष रूप से संवेदनशील जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के लिए एहतियाती उपाय करने और केंद्र द्वारा शुरु किये गए विभिन्न विकास कार्यों की समीक्षा के लिए पोर्ट ब्लेयर प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।

जनजातीय समुदायों के समावेशी विकास और समग्र कल्याण के लिए अनुभवों, सुझावों और विचारों का आदान-प्रदान हुआ और चर्चा सभी के लिए उपयोगी रही।

अर्जुन मुंडा ने पोर्ट ब्लेयर के राष्ट्रीय स्मारक सेलुलर जेल में वीर सावरकर की कोठरी को देखा और महान स्वाधीनता सेनानी को श्रद्धासुमन अर्पित किये।

माननीय मंत्री ने सेलुलर जेल में लाइट एंड साउंड शो देखा। वीर सावरकर और सचिन सान्याल जैसे स्वाधीनता सेनानियों ने अनेकों युवाओं को देश सेवा के लिए प्रेरित किया। हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को सेलुलर जेल में यातनाएं दी गईं, लेकिन उनका हौसला पस्त नहीं हुआ। यह सर्वोच्च बलिदानों की धरती है और भारतीय उप-महाद्वीप का सर्वश्रेष्ठ पवित्र स्थल है।

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की 4 दिवसीय यात्रा के एक भाग के रूप में, अर्जुन मुंडा ने ‘ओंगे’ जनजातीय समुदाय से मिलने के लिए लिटिल अंडमान द्वीप में डुगोंग क्रीक का दौरा किया। इस अवसर पर उन्होंने प्राथमिक विद्यालय में कम्प्यूटर लैब का उद्घाटन किया और ओंगे जनजाति के बच्चों से बातचीत भी की।

अर्जुन मुंडा कल 29 अप्रैल (शनिवार) को कैंपबेल बे में नेशनल बायोस्फीयर रिजर्व का दौरा करेंगे और कार-निकोबार के वायु सेना स्टेशन में निकोबारी जनजातियों के प्रतिनिधियों से बातचीत करेंगे।

वे नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप का दौरा करेंगे और लाइट एंड साउंड शो देखेंगे।

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के ऐतिहासिक महत्व को ध्यान में रखते हुए और नेताजी सुभाष चंद्र बोस की स्मृति के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए 2018 में, जब प्रधानमंत्री द्वीप समूह के दौरे पर थे उस समय रॉस द्वीप का नाम बदलकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप रखा गया। नील द्वीप का नाम शहीद द्वीप और हैवलॉक द्वीप का नाम स्वराज द्वीप किया गया।

द्वीपसमूह की चार दिवसीय यात्रा के अंतिम दिन,अर्जुन मुंडा राज निवास में माननीय उपराज्यपाल से मिलेंगे और राज निवास में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 100वें संस्करण में भाग लेंगे।

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