*कुमार राकेश
22 मई 2023 को पापुआ न्यू गिनी की एक घटना ने पूरे विश्व में भारत के आन -बान और शान में चार चाँद लगा दिया है। पापुआ न्यू गिनी की घटना अद्भुत है, अभूतपूर्व है, विश्व के इतिहास मे आज तक कभी भी, किसी भी राष्ट्रप्रमुख ने दूसरे राष्ट्रप्रमुख के पांव सार्वजनिक रुप से चरण स्पर्श नहीं किये हैं शायद यही नए भारत की नयी गरिमा है, नयी आभा है, नया शील है,नया विनम्र व्यवहार है।
पापुआ न्यू गिनी (पीएनजी) मात्र 1 करोड़ जनसंख्या का छोटा सा ईसाई धर्म मानने वाला देश है। इन घटनाओ से साफ़ प्रतीत हो रहा है कि वैश्विक राजनीति व शासन में भारत के पीएम मोदी का जादू सबके सर पर चढ़कर बोल रहा है। ये जादू है नरेन्द्र भाई मोदी के आत्म व्यवहार का, अपनेपन का, विशेष आत्मीयता का शायद इन्ही सब वजहों से पिछले 3-4 वर्षो में नरेन्द्र भाई मोदी का वैश्विक रैंकिंग नंबर एक पर रहा है।
हम नमन करते है पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री श्री जेम्स मारापे का जिन्होंने भारत की महान संस्कति व संस्कार को सर माथे लगाया और अपने देश का मान विश्व में बढाया। जबकि पापुआ न्यू गिनी एक ईसाई देश हैं। इसके बावजूद प्रधानमंत्री श्री मारापे ने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी को उनकी राजकीय यात्रा में सभी घोषित प्रोटोकॉल से परे हटकर उनके चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लिया तो श्री मोदी ने प्यार व सम्मान से आह्लादित होकर उन्हें भरत की तरह पीठ थपथपाया व गले लगाया। बड़ा ही भाव पूर्ण दृश्य था -राम-भरत मिलन जैसा।
Prime Minister James Marape and I had very productive talks, covering the full range of bilateral relations between India and Papua New Guinea. We discussed ways to augment cooperation in commerce, technology, healthcare and in addressing climate change. pic.twitter.com/cKWpyYmdtc
— Narendra Modi (@narendramodi) May 22, 2023
कहते है इस अति उदगार की खास वजह श्री मोदी उनके देश के प्रति संकट काल में मदद रही। श्री मोदी ने कोरोना काल में पापुआ न्यू गिनी को मुफ्त दवाईयां व वैक्सीन से मदद की थी, जिससे पूरा देश कृतज्ञ था और आज भी महसूस कर रहा हैं। 22 मई 2023 का वो दिन विश्व इतिहास में एक नया दिवस के रूप में दर्ज हो गया है।
यदि हम अखिल भारतीय इतिहास संकलन के दृष्टिकोण से देखे तो डेढ़ हजार वर्ष पहलेपुरुषपुर (आज का पेशावर) से पापुआ न्यू गिनी तक सनातन हिंदू संस्कृति का साम्राज्य रहा था। चरण स्पर्श की इस छोटी सी घटना ने हमारी उस प्राचीन सनातन हिन्दू संस्कृति के बिखरे धागों को पुनःसंयोजित व रिकार्ड पूर्ण किया हैं। बदलते भारत, समृद्ध भारत, सुसंस्कृत, वसुधैव कुटुम्बकम भाव वाला भारत विश्व विजयी तिरंगा वाला भारत का यह जबरदस्त आश्वा सक चित्र है!
इसके पहले अमेरिका के राष्ट्रपति श्री जो बायडेन ने 21 मई को जापान में श्री मोदी की लोकप्रियता को लेकर तारीफों के पुल बाँध दिये थे,फिर उनका ऑटोग्राफ भी लिया था.ऐसी मुक्त कंठ से प्रशंसा अमेरिका ने आजतक किसी देश या व्यक्ति की कभी नहीं की है .उससे पहले G 20 की बैठक में में पिछले साल अमेरिकी राष्ट्रपति जो साहब का वीडियो ने पूर विश्व में चर्चा का विषय बन गया था,जिसमे जो साहब खुद चलकर पीछे से मोदी जी से गले मिले थे। इसके पहले 9 जनवरी 2023 को प्रवासी भारतीय दिवस के दौरान इंदौर में गुयाना के राष्ट्रपति डॉ इरफ़ान अली ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी की मुक्त कंठ से प्रशंसा की थी,खासकर कोरोना काल में गुयाना को जीवन दान देने के लिए ,मुफ्त में वैक्सीन मुहैया कराने के लिए 2015 में भी संयुक्त राष्ट्र के मुख्य सभागार में भी कुछ ऐसा ही माहौल बन गया था,जिसका मै प्रत्यक्ष दर्शी रहा हूँ.उस सभागार में उस वक़्त करीब 30 से ज्यादा राष्ट्राध्यक्षो ने पीएम् मोदी के साथ सेल्फी फोटो लिया था.उस वक़्त आज के विदेश मंत्री श्री एस जयशंकर सरकरी सेवा में थे आज वो राजनीतिक सेवा में हैं।
पिछले नौ वर्षो में 2014 के बाद से अब तक भारत के लिए वो आध्यात्मिक शक्तियां निरंतर जाग्रत अवस्था में दिख रही हैं ,तभी तो चीन के कई साजिशों के बावजूद भारत का कुछ भी नुकसान नहीं हो सका,जैसा कि चीन और अन्य दुश्मनों ने सोच रखा था.इसकी एक खास वजह है.मूल कारण हैं .एक शख्स है जो उन सभी शक्तियों को एक धारा में जोड़ने का अनुपम कार्य करता रहता है। एकनिष्ठ भाव से राष्ट्रहित के लिए दिन रात कार्यमग्न है. उस दृढ निश्चयी सेतु बंध का नाम हैं प्रधान मंत्री नरेन्द्र भाई मोदी।
लोग कुछ भी कहे ,लेकिन उस व्यक्ति की आध्यात्मिक और लौकिक ऊर्जा उनसे कई ऐसे कार्य करवा चुका है ,करवा रहा है और करवाने वाला है .जिससे भारत अभी विश्व कमें पांचवी आर्थिक शक्ति बन चुका है ,जल्द ही हम शीर्ष पर हो सकते हैं। हम देख रहे हैं ,दुनिया देख रही है ,सब देख रहे हैं.उनके विशेष नीतियों की वजह भारत कोरोना महामारी के महा मकर जाल से बाहर आ चुका है। वैसे चीन,अमेरिका सहित कई विकसित कहे जाने वाले देश आज उस कोरोना कुचक्र में फंसे हुए हैं।
भारत के रामचरित मानसऔर भगवद् गीता सहित हमारे वेद,उपनिषद, पुराण, शास्त्र के महात्म्य व उनकी शक्तियों को पूरी दुनिया मान चुकी हैं,कुछ सिर फिरे कौमो को छोड़कर.कोरोना काल में भारत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी के नेतृत्व में जो उपकार कार्य किया है ,उसके विश्व के 100 से ज्यादा देश भारत को नमन करते हैं। उनके उन महान जादुई कार्य के लिए भारत का भी नमन है.परन्तु विपक्ष के कई नेता भारत के संस्कार व संस्कृति भूल गए हैं तो कोई क्या करे।
इन वैश्विक घटनाओ में से श्री मोदी को लेकर पक्ष तो बम बम है लेकिन विपक्ष हताश दिख रहा हैं. मेरे विचार से,यदि विपक्षी दलों में राष्ट्र के प्रति थोड़ी जिम्मेदारी होती तो वो भारत के प्रधानमंत्री का तौर पर नरेन्द्र भाई मोदी की सराहना कर सकते थे.इससे देश में एक नयी परंपरा का निर्माण होता व राष्ट्र को एक नया सन्देश जाता।
नरेन्द्र भाई मोदी को जो भीसम्मान भारत के बाहर मिलता है, वो भारत का सम्मान है, हर भारतीयों का सम्मान है। न कि श्री मोदी का व्यक्तिगत सम्मान, काश, हमारा हताश व स्वार्थी विपक्ष ये समझ पाता।
*कुमार राकेश