मध्य प्रदेश डायरी : रवींद्र जैन
नरोत्तम अब संकटमोचक नहीं!
मप्र की शिवराज सरकार में लंबे समय तक संकटमोचक की भूमिका निभाने वाले मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा अब संकटमोचक की भूमिका में नजर नहीं आ रहे हैं। नरोत्तम मिश्रा इंदौर के प्रभारी हैं। पिछले दिनों इंदौर के भाजपा नेताओं ने सत्ता और संगठन पर हमले किये। लेकिन नरोत्तम मिश्रा खामोश रहे। इस सप्ताह भोपाल में आयोजित प्रदेश भाजपा कार्यसमिति की बैठक में भी नरोत्तम मिश्रा दूर दूर तक दिखाई नहीं दिये। प्रधानमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी के 9 वर्ष पूरे होने पर भोपाल में पत्रकारों के साथ संवाद कार्यक्रम में संगठन के सभी प्रवक्ता बुलाये गये, लेकिन राज्य सरकार के अधिकृत प्रवक्ता होने के बाद भी नरोत्तम मिश्रा को नहीं बुलाया गया। जबकि वे भोपाल में मौजूद थे। पहले मप्र में सत्ता या संगठन के हर संकट को टालने नरोत्तम मिश्रा को आगे किया जाता था। लेकिन फिलहाल ऐसा लगता है कि नरोत्तम मिश्रा से संकटमोचक का तमगा छीन लिया गया है।
मंत्री और कलेक्टर का एक ही दलाल!
मप्र के एक छोटे से जिले से विधायक चुनकर आये नेताजी जातिगत समीकरण के आधार पर बड़े विभाग के मंत्री बन गये। भोपाल के एक वकील को उन्होंने विभाग की दलाली सौंप रखी है। इस वकील ने मंत्रीजी को अच्छी खासी कमाई करवा दी है। मंत्रीजी के जिले में पदस्थ कलेक्टर ने भी दलाली की दूकान खोल ली और दलाली का ठेका इसी वकील को दे दिया है। पिछले दिनों एक सरकारी अफसर ने लिखित में कलेक्टर की अड़ीबाजी की शिकायत की तो इस पूरे दलाली के नेटवर्क से पर्दा उठने लगा है। मंत्रीजी और कलेक्टर के इस खुलेआम दलाली के किस्से भाजपा के प्रभारियों तक पहुंच गये हैं। अब चर्चा है कि मंत्रीजी का टिकट कटना और कलेक्टर को लूपलाइन भेजना तय हो गया है।
बजरंगबली पहुंचेंगे कांग्रेस कार्यालय
हेडिंग पढ़कर चौंकिए मत। एक युवक सात फीट के बजरंगबली का भेष धारण करेगा। इसके लिए दक्षिण भारत से विशेष वेषभूषा बुलाई गई है। भगवान राम के नारे लगायेगा। भगवा रैली के साथ नाचते गाते भोपाल के कांग्रेस कार्यालय पहुंचेगा। यह संदेश देने की कोशिश होगी कि मप्र में बजरंगबली कांग्रेस के साथ हैं। यह सब कुछ 6 जून को भोपाल में होने वाला है। अभी तक भाजपा को राजनीतिक लाभ पहुंचाने वाली बजरंग सेना ने अगले चुनाव में कांग्रेस का साथ देने का मन बना लिया है। इन्हें कांग्रेस में लाने का काम भाजपा से कांग्रेस में आए दीपक जोशी कर रहे हैं। तय हुआ है कि भोपाल के लिंक रोड़ नम्बर एक स्थित झरनेश्वर हनुमान मंदिर पर बजरंग सेना के लोग एकत्रित होंगे। यहां सुन्दर कांड और हनुमान चालीसा का पाठ होगा। यहीं से भगवा रैली शुरु होगी। कमलनाथ स्वयं कांग्रेस कार्यालय पर इस भगवा रैली का स्वागत करेंगे। रैली में शामिल नेता कमलनाथ को असली राम व हनुमान भक्त बताएंगे। मप्र में चुनाव के लिए इसे कांग्रेस का साफ्ट हिन्दुत्व कार्ड बताया जा रहा है।
गोपाल भार्गव की नाक के नीचे इतना बड़ा भ्रष्टाचार
क्या यह संभव है कि मप्र के वरिष्ठ मंत्री गोपाल भार्गव की नाक के नीचे उनके गृहनगर में इतना बड़ा भ्रष्टाचार हो जाए और उन्हें इसकी भनक भी न लगे! गढाकोटा में कन्यादान योजना में 1850 जोड़ों को नकली टीवी सेट थमा दिये गये। मजेदार बात यह है कि यह टीवी सेट गढाकोटा के ही एक रेस्टारेंट संचालक से खरीदे गये। कलेक्टर के आदेश पर सप्लायर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। लेकिन एक सवाल हवा में तैर रहा है कि जिस गढाकोटा में गोपाल भार्गव के बिना पत्ता नहीं हिलता, वहां प्रशासन की इतनी हिम्मत कैसे हो गई कि एक मामूली रेस्टारेंट संचालक से 1850 नकली टीवी सेट खरीदकर वितरित कर दिये! कन्यादान योजना की हर तैयारी पर नजर रखने वाले मंत्रीजी को जब पता था कि इतने अधिक संख्या में टीवी सेट एक रेस्टारेंट संचालक से खरीदे जा रहे हैं तो उन्होंने किसी अधिकृत कंपनी से खरीदने की सलाह क्यों नहीं दी?
आईएएस अफसरों के लिए हाऊसिंग बोर्ड बदलेगा नियम
मप्र हाऊसिंग बोर्ड भोपाल के तुलसी नगर में “तुलसी ग्रीन” नाम से तीन शानदार आवासीय टावर बनाने जा रहा है। यह टावर 25 मंजिला होंगे। तीनों टावर में कुल 126 फ्लेट बनाये जा रहे हैं। शहर के पाॅश इलाके में बनने वाले इन टावर पर आईएएस अफसरों की नजर लग गई है। अफसर चाहते हैं कि इन तीन में से एक टावर ऐसा हो जिसमें सिर्फ आईएएस अफसर ही रहें। नियमानुसार हाऊसिंग बोर्ड ऐसा नहीं कर सकता। यही कारण है कि आईएएस एसोसिएशन को आगे किया गया है। एसोसिएशन की ओर से पत्र लिखकर हाऊसिंग बोर्ड को प्रस्ताव भेजा है कि एक पूरा टावर आईएएस अफसरों के लिए आवंटित किया जाए। ऐसा करने के लिए हाऊसिंग बोर्ड को नियम बदलने पड़ सकते हैं। तय है कि मप्र की ताकतवर आईएएस लाॅबी आसानी से नियम बदलवा लेगी। लेकिन सवाल यह है कि हाऊसिंग बोर्ड सिर्फ आईएएस अफसरों के लिए नियम बनाएगा या आम लोगों के लिए भी यह नियम लागू होंगे?
भाजपा छोड़ने की तैयारी में कटनी के चार पूर्व विधायक!
कटनी एकमात्र जिला है जहां भाजपा के चार पूर्व विधायक पार्टी छोड़ने की चेतावनी दे रहे हैं। इन सभी की नाराजगी इस बात पर है कि सत्ता और संगठन में कांग्रेस से आये संजय पाठक की ही पूछ परख होती है। पूर्व मंत्री अलका जैन और पूर्व विधायक ध्रूवप्रताप सिंह ने तो वीडियो जारी करके घोषणा कर दी है कि उन्हें उचित विकल्प मिलते ही वे पार्टी छोड़ देंगे। इनके अलावा पूर्व विधायक गिरिराज पोद्दार और सुकीर्ति जैन भी भाजपा में खुश नहीं हैं। इन दोनों नेताओं की शिकायत है कि संगठन में उन्हें काम तो छोड़िये सम्मान भी नहीं मिल रहा है। मजेदार बात यह है कि यह चारों नेता अकेले पार्टी नहीं छोडेंगे। इनके साथ सैकड़ो कार्यकर्ता भी भाजपा छोड़ सकते हैं।
और अंत में…!
यह गजब संयोग है कि मप्र में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दल चुनावी शंखनाद महाकौशल से करने जा रहे हैं। कांग्रेस की ओर से प्रियंका गांधी 12 जून को जबलपुर में बड़ी सभा करने जा रही हैं। इस सभा के जरिये कांग्रेस संदेश देने की कोशिश करेगी कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के जाने के बाद मप्र में कांग्रेस में अब कोई गुट नहीं है। सभी नेता एकजुट हैं। दूसरी ओर भाजपा ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कार्यक्रम जबलपुर में करने की तैयारी शुरु कर दी है। हालांकि यह कार्यक्रम सरकारी होगा। लेकिन इसका राजनीतिक फायदा भाजपा को मिले, यह प्रयास शुरू हो गये हैं। कांग्रेस और भाजपा ने चुनावी शंखनाद के लिये जबलपुर को ही क्यों चुना यह पड़ताल का विषय है।