पंजाब विश्वविद्यालय, चण्डीगढ़ के प्रांगण में पर्यावरण संसद का हुआ आग़ाज़

बच्चों ने संसद में उठाये सवाल डंपिंग ग्राउंड और हिमाचल में आयी आपदा और भूस्खलन पर रोष प्रकट किया

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 21अगस्त। रविवार को पंजाब विश्वविद्यालय चण्डीगढ़ के डॉ. एस.एस. भटनागर प्रेक्षागृह (ऑडिटोरियम) में पहली बार बड़े स्तर पर “अक्षय ऊर्जा दिवस” के उपलक्ष्य में “पर्यावरण संसद” का आग़ाज़ हुआ जो कि जय मधुसूदन जय श्रीकृष्ण फाउंडेशन, केमिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट पंजाब विश्वविद्यालय एवं हरियावल पंजाब चण्डीगढ़ महानगर के संयुक्त तत्त्वाधान में हुआ।इस संसद में स्पीकर की भूमिका भारत के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल श्री सत्यपाल जी जैन और प्रो. के.पी. सिंह पूर्व विभागाध्यक्ष भूगर्भ विभाग पंजाब विश्वविद्यालय डिप्टी स्पीकर की भूमिका में मौजूद रहे।इस कार्यक्रम में विशेष अतिथि के तौर पर पंजाब विश्वविद्यालय, चण्डीगढ़ की कुलपति प्रो (डॉ.) रेणु विज शामिल हुईं।सर्वप्रथम विभागाध्यक्षा प्रो अमृतपाल तूर ने मुख्य अतिथियों का मंच पर अभिनंदन और पौधा देकर उनका हरित स्वागत किया।सत्यपाल जैन ने अपने वक्तव्य में इस नायाब और अनूठी पहल को लेकर प्रशंसा की और बताया कि आज देश में सबसे बड़ा और ज्वलंत मुद्दा पर्यावरण का रहा है, और आज देख भी रहे हैं कि कैसे प्रकृति के साथ खिलवाड़ करने से कितने भयंकर परिणाम सामने आ रहे हैं, उन्होंने हिमाचल में आ रही आपदा को लेकर गहरी चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि हमें आशा है कि इस संसद के माध्यम से जो भी बिन्दु सामने आयेंगे उन्हें हम भारत सरकार के सम्मुख रखेंगे और उन विचारों पर अमल भी करेंगे।इसके बाद संसद की कार्यवाही प्रारम्भ की गयी।जिसमें ट्राईसिटी के 15 विद्यालयों से 42 विद्यार्थीगण शामिल हुए।यह चर्चा संस्कृत, हिन्दी, पंजाबी और अंग्रेज़ी भाषाओं में भी हुई।इन्होंने पर्यावरण सम्बन्धी भिन्न-भिन्न मुद्दों पर अपनी बात सामने रखी और कई स्कूल के बच्चों ने डंपिंग ग्राउंड और हिमाचल में आयी आपदा और भूस्खलन को लेकर अपना रोष व्यक्त किया और बारिश के दिनों में भी चण्डीगढ़ स्मार्टसिटी में जलभराव की समस्या और सड़कों कि टूटने को लेकर, यातायात प्रभावित होने जैसे अहम मुद्दे सामने रखते हुए प्रशासन को चेताया और प्लास्टिक बैन किए जाने की मुहिम पर भी ज़ोर दिया गया।प्रो रेणु विज ने अपने भाषण में कहा कि यह बड़ी अच्छी बात है कि पर्यावरण की चिन्ता पर व्यापक स्तर पर आज यहाँ सभागार में चर्चा हो रही है, यह हमारे लिए नहीं बल्कि समूची मानवता के लिए गहरा संकट बनता जा रहा है, और हमें ही इसका निवारण सोचना होगा।

सदन नेता के रूप में श्री दवेश मोदगिल जी, पार्षद् जसबीर सिंह बंटी प्रतिपक्ष नेता के तौर पर और सिविल सोसाइटी के पक्षधर डॉ अमोद कुमार भी मौजूद रहे। ध्यातव्य है कि इस संसद का मूल उद्देश्य पर्यावरण के संवर्द्धन-संरक्षण को लेकर गंभीर मुद्दों पर चर्चा करना और उनके निवारण के संदेश को घर-घर तक पहुँचाना था ताकि भावी पीढ़ी पर्यावरण बचाओ को लेकर आगे आयें और देश को समृद्ध बनाने में अपना बहुमूल्य योगदान दें। इस अतिरिक्त देश भर में चल रही “मेरी माटी मेरा देश” मुहिम के चलते संसद में शामिल सभी प्रतिभागियों को हर घर एक पौधा व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।कार्यक्रम के संयोजक श्री प्रभुनाथ शाही ने कहा कि हमारा मूल उद्देश्य इस संसद के माध्यम से देश भर में यह संदेश पहुँचाना है कि देश में सबसे बड़ी समस्याओं में बड़ी समस्या पर्यावरण की है, ये न रहा तो कोई शेष न रहेगा, अतः विश्व भर में इसे लेकर भिन्न भिन्न विचारधाराएँ आगे आ रही हैं, हम चाहते हैं कि देश का बच्चा-बच्चा, और युवा पीढ़ी अपने घर से ही पर्यावरण के बचाने में अपनी पहल को सार्थक रूप दे, अधिकाधिक पेड़ लगायें और उनका संरक्षण भी करें।श्री प्रवीण कुमार प्रान्त संयोजक ने अपने विचार रखते हुए कहा कि पर्यावरण संसद बहुत ही सार्थक प्रयास है, आज सभी बच्चों, युवाओं और बड़ों को सबको एक साथ खड़े होने की आवश्यकता है।कार्यक्रम अधिकारी प्रो रितु गुप्ता ने संसद को सुचारू रूप से चलाने हेतु सभी सक्रिय कार्यकर्ताओं का धन्यवाद ज्ञापित किया। संसद में फाउंडेशन, हरियावल, डी.एस.इंक्स, पिरामिड इंजिनियर्स & कांट्रैक्टर्स एवं डिपार्टमेंट के सक्रिय कार्यकर्ताओं ने अभी ज़िम्मेदारी बखूबी निभाई।इस संसद में विभिन्न नर्सरियों से चयनित सात श्रम के पुजारियों का सम्मान किया भी किया गया।संसद की कार्यवाही के समापन सत्र में डिप्टी स्पीकर श्री के.पी.सिंह ने सभी बच्चों को बधाई दी और उनके हौंसले को सराहा जो उन्होंने पर्यावरण के साथ शहर के हालातों पर भी अहम बिंदु सामने रखें। इस दौरान हरियावल प्रांत संयोजक प्रवीण कुमार जी, प्रोफ़ेसर सुमन मोर, अशोक जैन,सुभाष जैन, अशोक कपिला, राजीव गुप्ता, यशपाल तिवारी,चंद्रमा मिश्रा,उमाशंकर शर्मा, जी पी सिंह, आर एस यादव,संजय कुमार,कारण गोयल,विनय सिंह, रीमा प्रभु, डॉ अमित गंगानी, डॉ संगम वर्मा, श्री विनोद पवार, रूबल चौहान, सतिंदर सिंह, साईं वैद्यनाथन, शुभलक्ष्मी, डॉ. अमोद कुमार, नरेश कोहली, विजय गोयल, नरेश पूरी, प्रिंस मेहरा, गुरु तृषा, मयंक मणि, सक्षम, अमितोज कौर,अभिषेक,समीक्षा,समर्थ,व अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।

 

 

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