राष्ट्र की गरिमा महिलाओं के आत्मगौरव पर आधारित : राष्ट्रपति
राष्ट्रपति मुर्मू ने सभी भारतीयों की ओर से 'वीर नारियों' के प्रति आभार किया व्यक्त
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 21अगस्त। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि किसी समाज और राष्ट्र की गरिमा महिलाओं के आत्मगौरव पर आधारित होती है. राष्ट्रपति यहां आर्मी वाइव्स एसोसिएशन (एडब्ल्यूडब्ल्यूए) द्वारा आयोजित ”अस्मिता-आर्मी वाइव्स की प्रेरणादायक कहानियां” में भाग लिया.
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में सभी भारतीयों की ओर से ”वीर नारियों” के प्रति आभार व्यक्त किया. उन्होंने ”वीर नारियों” की प्रशंसा की जिन्हें अस्मिता आइकन के रूप में सम्मानित किया गया है. उन्होंने वीर नारियों के कल्याण के प्रयासों के लिए एडब्ल्यूडब्ल्यूए की भी सराहना की. उन्होंने कहा कि उन्हें यह जानकर संतोष हुआ है कि वीर-नारी बहनों के कल्याण के लिए ‘आह्वान’ नामक योजना चलाई जा रही है. इसके लिए वे ‘आवा’ की विशेष सराहना करती हैं.
राष्ट्रपति ने कहा कि ‘अस्मिता’ शब्द के प्रचलित अर्थ हैं: ‘अस्तित्व का बोध होना’ तथा ‘आत्म-गौरव का भाव होना’. नारी समुदाय में आत्म-गौरव की भावना के आधार पर ही एक गौरवशाली समाज और राष्ट्र का निर्माण करना संभव होता है.
राष्ट्रपति ने कहा कि किसी समाज और राष्ट्र की गरिमा महिलाओं के आत्मगौरव पर आधारित होती है. उन्होंने कुछ पुराने विचारों को छोड़कर नये विचारों को अपनाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला. उन्होंने पुरानी कहावत ”हर सफल आदमी के पीछे एक महिला होती है” का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि नई कहावत यह होनी चाहिए कि ”हर सफल आदमी के साथ एक महिला भी होती है.” उन्होंने कहा कि प्रगतिशील विचारों को अपनाकर महिलाओं की पहचान और आत्मविश्वास को मजबूत किया जा सकता है.
राष्ट्रपति ने कहा कि जन्म देने की क्षमता केवल नारी में ही है. नारी में नेतृत्व देने की क्षमता भी है, यह विश्वास सभी बहनों में होना चाहिए. नारीत्व में नेतृत्व समाहित है. उन्होंने कहा कि मिसाइल से म्यूजिक तक, हमारी बहनों ने असाधारण सफलता के कीर्तिमान स्थापित किए हैं. सरल शब्दों में कहें तो ‘नारी में अपार शक्ति है, नारी कुछ भी कर सकती है.’