समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 6सितंबर। भारत या इंडिया… आप क्या कहना चाहते हैं? ये आप पर निर्भर करता है। लेकिन देश में इस मामलें को लेकर विपक्षी पार्टियों ने केंद्र सरकार को घेरा है। लेकिन ऐसा नही है कि यह मुद्दा पहली बार उठा है या इसे बदलने की मांग बस बीजेपी ने की है।
बीजेपी के सत्ता में आने से पहले मुलायम से लेकर लालू तक इस पर अपना पक्ष रख चुके हैं। देश के ‘नाम’ को लेकर उठे इस विवाद पर सुप्रीम कोर्ट अपना रुख कर चुका है।
बता दें कि भारत या इंडिया.. कहे जाने की इस बहस ने तब तूल पकड़ा, जब राष्ट्रपति भवन की ओर से दिए गए एक निमंत्रण पत्र में ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ की जगह पर ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ लिखा गया था।
यह निमंत्रण पत्र देश की राजधानी दिल्ली में होने जा रही जी-20 की बैठक (G-20 Summit) के दौरान आने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन समेत अन्य विदेशी मेहमानों के लिए राष्ट्रपति भवन में रात्रि भोज के आयोजन के संबंध में था।
बता दें कि देश के नाम को लेकर करीब 19 साल पहले उत्तर प्रदेश की विधानसभा में प्रस्ताव लाया गया था। इसे लेकर मुलायम सिंह यादव ने जोर-शोर से आवाज भी उठाई थी। वहीं, बिहार में लालू प्रसाद यादव ने भी भारत और इंडिया का अंतर बताया था।
2004 में यूपी में समाजवादी पार्टी ने अपने चुनावी घोषणापत्र में देश का नाम ‘इंडिया’ के बजाय भारत करने के लिए संविधान संशोधन का वादा किया था।
मुलायम सिंह यादव ने अपनी पार्टी की सरकार बनने के बाद तीन अगस्त 2004 को यूपी विधानसभा में प्रस्ताव भी पेश किया था। इसे सबकी सहमति से संविधान के भाग-1 के अनुच्छेद एक में संशोधन के लिए केंद्र सरकार को भेजने की बात कही गई थी। ये प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास भी हुआ था।
बिहार में लालू प्रसाद यादव भी सालों पहले भारत और इंडिया के बीच का अंतर बता चुके है। दरअसल, लालू यादव ने एक साक्षात्कार में इसे लेकर अपनी बात कही थी। इस साक्षात्कार का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी वायरल भी हो रहा है।
Lallu said it long ago
😂😂😂 #BharatVsIndia
pic.twitter.com/7qLHVMju67— Dr MJ Augustine Vinod 🇮🇳 (@mjavinod) September 5, 2023