समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 30सितंबर। गुवाहाटी एयरपोर्ट पर नमाज पढ़ने के लिए अलग से एक कमरा बनाने की मांग पर गुवाहाटी हाईकोर्ट भड़का. हाईकोर्ट ने कहा कि नमाज के लिए मस्जिद है, वहां जाओ. और कहा कि अगर नमाज के लिए अलग से कमरा नहीं बनेगा तो समाज का क्या नुकसान है! आपके कौन-से अधिकारों का उल्लंघन हुआ है?
इसके साथ ही अदालत ने जनहिता याचिका खारिज कर दी. साथ ही इस तरह की याचिकाओं पर भी आपत्ति जताई.
अदालत ने याचिकाकर्ता से पूछा,“इसमें जनहित जैसा क्या है?”चीफ जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस सुष्मिता खौंद की डिवीजन बेंच के सामने याचिका आई थी. बेंच ने पूछा,
“अगर नमाज के लिए अलग से कमरा नहीं बनेगा तो आपके कौन से मूल अधिकार का हनन हो जाएगा! हमारा देश धर्मनिरपेक्ष है. किसी एक समुदाय की प्रार्थना के लिए अलग से व्यवस्था कैसे की जा सकती है। आप मस्जिद जा कर नमाज पढ़ सकते हो।”
याचिकाकर्ता ने कहा,“कुछ फ्लाइट्स की टाइमिंग ऐसी है जब मुस्लिमों के लिए नमाज का समय होता है.”
इस पर जज ने कहा कि ये आपकी च्वाइस है. अपको अपने सुविधानुसार फ्लाइट लेनी चाहिए. वैसे भी एयरपोर्ट पर इसके लिए सुविधा प्रदान की गई है. आखिर किसी एक समुदाय के लिए इस तरह की मांग कैसे की जा सकती है?
इस पर याचिकाकर्ता ने बताया कि दिल्ली, अगरतला जैसै हवाईअड्डों पर नमाज के लिए अलग से जगह है, लेकिन गुवाहाटी में ऐसा नहीं है.
हाईकोर्ट ने कहा कि अगर ऐसा नहीं है तो क्या ये मूल अधिकार का उल्लंघन है. आपके पास नमाज के लिए स्थान है, वहां जाएं. इसके साथ ही अदालत ने जनहित याचिका खारिज कर दी.