झारखंड सरकार के मंत्री सत्यानंद भोक्ता के बेटे का सिविल कोर्ट में चपरासी के पद पर हुआ चयन

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समग्र समाचार सेवा
रांची, 2दिसंबर। मंत्रियों, नेताओं के बेटे और परिवार के लोग ठेकेदारी कर पैसा कमाने लगते हैं, कोई उच्च शिक्षा ग्रहण करता है तो कोई अन्य काम करता है, या फिर नेता ही बन जाता है, जिसमें रूतबा साफ़ झलकता है, लेकिन झारखंड सरकार में मंत्री का बेटा चपरासी बनने जा रहा है. झारखंड सरकार के श्रम-नियोजन सह प्रशिक्षण एवं कौशल विकास मंत्री सत्यानंद भोक्ता के पुत्र मुकेश कुमार भोक्ता प्यून (चपरासी) की नौकरी करेंगे. उनका सेलेक्शन उनके होम डिस्ट्रिक्ट चतरा सिविल कोर्ट में इस पद के लिए हुआ है. चतरा सिविल कोर्ट में चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए वैकेंसी निकली थी. इसका रिजल्ट शुक्रवार को जारी किया गया है. इसमें कुल 19 कैंडिडेट्स का सेलेक्शन किया गया है. इसमें मंत्री सत्यानंद भोक्ता के पुत्र मुकेश कुमार भोक्ता का नाम 13वें नंबर पर है. उनका सेलेक्शन एसटी कोटे के तहत हुआ है.

मंत्री के पुत्र के अलावा उनके भतीजे रामदेव भोक्ता ने भी इस पद के लिए आवेदन किया था. उसका नाम वेटिंग लिस्ट में है. चुने गए 19 लोगों में अगर कोई नौकरी छोड़ता है तो उनकी जगह वेटिंग लिस्ट में शामिल अभ्यर्थियों को मौका मिलेगा.

सत्यानंद भोक्ता चतरा विधानसभा सीट से राजद के विधायक हैं. राज्य में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में वह 2019 में इस विभाग के मंत्री बनाए गए. भोक्ता अब तक तीन बार विधायक चुने गए हैं और तीसरी बार मंत्री भी बने हैं. राजद के पहले वह भाजपा और झारखंड विकास मोर्चा में रहे हैं.

वर्ष 2004 में तत्कालीन अर्जुन मुंडा सरकार में उन्हें पहली बार मंत्री बनाया गया था. तब उन्हें पेयजल एवं स्वच्छता विभाग मिला था. करीब चार महीने तक वे मंत्री पद रहे थे. 2004 का चुनाव जीतने के बाद अर्जुन मुंडा की अगुवाई वाली भाजपा सरकार में उन्हें पुन: शामिल किया गया और उस बार उन्हें कृषि एवं गन्ना विकास मंत्रालय की जिम्मेवारी मिली .

 

 

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