इंद्र वशिष्ठ,
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने भारत बांग्लादेश सीमा पर तीन करोड़ दस लाख रुपए मूल्य का सोना पकड़ा है। यह सोना बांग्लादेश से लाया गया। इस मामले में एक भारतीय तस्कर को गिरफ्तार किया गया है।
जिला उत्तर 24 परगना, में अंगरेल सीमा चौकी पर तैनात बीएसएफ, दक्षिण बंगाल फ्रंटियर, पांचवी बटालियन के जवानों ने एक तस्कर को पकड़ कर सोने की तस्करी की बड़ी कोशिश को नाकाम कर दिया।
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सोने की ईंटें, बिस्कुट-
तस्कर के पास से सोने की दो ईंट और सोने के 30 बिस्कुट बरामद हुए। चार किलो आठ सौ उनतीस ग्राम वजन के इस सोने का मूल्य करीब तीन करोड़ दस लाख रुपए है।
गिरफ्तार तस्कर की पहचान प्रोसेनजीत मंडल ग्राम-हलदर पारा, जिला-उत्तर 24 परगना, पश्चिम बंगाल के रूप में हुई।
500 रुपए मजदूरी-
पूछताछ के दौरान, उसने बताया कि सोना सफलतापूर्वक पहुंचाने के बाद, उसे मजदूरी के रूप में 500 रुपये मिलते। उसे इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि कौन सी पार्टी उससे सोना लेगी।
बीएसएफ के प्रवक्ता ने बताया कि
पूछताछ के दौरान उसने बताया कि 21 जनवरी 2024 को ग्राम अंगरेल (घोषपारा) का एक व्यक्ति उसके घर आया और उससे बांग्लादेश से सोना लाने को कहा, जिसे एक बांग्लादेशी नागरिक वहां लाएगा। इसके बाद वे दोनों इच्छामती नदी के तट पर पहुंचे जहां उन्हें दो अन्य व्यक्ति मिले, उनके साथ वह सोने की खेप के लिए निकल पड़े।
एक बांग्लादेशी व्यक्ति ने इच्छामती नदी के तट पर सोना उसे सौंप दिया। इसके बाद बांग्लादेशी नागरिक बांग्लादेश लौट गया। जब वे वापस भारतीय सीमा में आए तो बीएसएफ संतरियों पर नजर रखने वाले व्यक्ति ने उन्हें फोन पर सूचित किया कि उन्हें बीएसएफ जवानों ने देख लिया है और उन्हें तुरंत भागने के लिए कहा। यह सुनते ही बाकी दोनों लोग वहां से भाग गए लेकिन बीएसएफ जवानों ने उसे सोने के साथ पकड़ लिया।
इच्छामती नदी-
बीएसएफ के प्रवक्ता के अनुसार, 21 जनवरी को दोपहर लगभग 3 बजे, सीमा चौकी पर तैनात 05 बटालियन, बीएसएफ के जवानों ने 03 संदिग्धों की गतिविधि देखी, जो जंगली घास और बांस की झाड़ियों के घने जंगल के माध्यम से इच्छामती नदी (अंतर्राष्ट्रीय सीमा) से भारत में प्रवेश कर रहे थे। वे चोरी छुपे भारतीय सीमा की ओर बढ़ रहे थे। इस इलाके में हलदर पारा गांव है जिसमें घर इच्छामति नदी के किनारे तक फैले हुए हैं, जिससे बदमाशों को अवैध गतिविधियों को अंजाम देने का मौका मिलता है।