समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 08 मार्च। केंद्रीय संचार, रेलवे और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ‘राज्यों के लिए नीति (नीति-एनआईटीआई फॉर स्टेट्स) प्लेटफॉर्म शुरू किया, जो एक व्यापक डिजिटल पहल है और राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) को राष्ट्रीय विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में सशक्त बनाने के लिए डिज़ाइन की गई है। अश्विनी वैष्णव ने प्रो. रमेश चंद, डॉ. वी.के. सारस्वत, और डॉ. अरविंद विरमानी, सुब्रमण्यम, सीईओ, नीति आयोग एवं नीति आयोग के सदस्यों और बी.वी.आर. की उपस्थिति में नीति आयोग में ‘राज्यों के लिए नीति – विकसित भारत रणनीति कक्ष’ का भी उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में भारत सरकार के मंत्रालयों और विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी, एबीपी फेलो, विकास भागीदार और मीडिया उपस्थित थे।
इसके अतिरिक्त, वैष्णव ने रंग भवन, आकाशवाणी, नई दिल्ली में ‘राज्यों के लिए नीति’ प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। विभिन्न सरकारी संगठनों के सहयोग का परिणाम इस प्रदर्शनी ने आगंतुकों को इसकी कुछ प्रमुख विशेषताओं जैसे आसान पहुंच के लिए मोबाइल एकीकरण, विशेषज्ञ हेल्पडेस्क, अंतर्निहित कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और ‘भाषिनी’ द्वारा बहुभाषी समर्थन से परिचित कराया। उद्योग संवर्धन और आतंरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी )के सहयोग से पीएम गतिशक्ति भास्कराचार्य नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर स्पेस एप्लीकेशन्स एंड जिओ-इन्फार्मेटिक्स (बीआईएसएजी-एन) टीम को क्षेत्र-आधारित योजना के लिए भू-स्थानिक उपकरण प्रदान करने के लिए भी एकीकृत किया गया था।
राज्यों के लिए एनआईटीआई मूल्यवान संसाधनों का एक केंद्रीकृत भंडार प्रदान करता है, जिसमें सर्वोत्तम प्रथाओं, नीति दस्तावेज़, डेटासेट और नीति आयोग के वे प्रकाशन शामिल हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों और लिंग एवं जलवायु परिवर्तन जैसे परस्पर सम्पर्क वाले (क्रॉस-कटिंग) विषयों तक फैले हुए हैं। इसका उपयोगकर्ता-अनुकूल इंटरफ़ेस समावेशिता सुनिश्चित करता है और विभिन्न क्षेत्रों के अधिकारियों को मंच के व्यापक ज्ञान आधार का प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए सशक्त भी बनाता है।
अपने संबोधन में अश्विनी वैष्णव ने कहा कि “भविष्य के विकास के लिए भारत का दृष्टिकोण चार महत्वपूर्ण स्तंभों – (i) भौतिक, डिजिटल और सामाजिक बुनियादी ढांचा, (ii) समावेशी विकास, (iii) विनिर्माण और (iv) कानूनों और प्रक्रियाओं के सरलीकरण पर ध्यान, पर आधारित है।
उन्होंने आगे कहा कि “राज्यों के लिए नीति मंच की शुरुआत से सहकारी संघवाद को सुदृढ़ करने और डेटा-संचालित शासन को सशक्त बनाने में सहायता मिलेगी।”
नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सुब्रमण्यम बी.वी.आर. ने इस बात पर प्रकाश डाला कि राज्यों के लिए नीति का ज्ञान मंच विभिन्न क्षेत्रों से डेटा को अंतरसंचालनीय और संगत तरीके से एक ही स्थान पर लाया है। यह इसे प्रशासकों के लिए बहुत प्रभावशाली और उपयोगी बनाता है
‘राज्यों के लिए नीति’ मंच की मुख्य विशेषताएं:
. व्यापक ज्ञान आधार: 7,500 क्यूरेटेड सर्वोत्तम प्रथाएँ, 5,000 नीति दस्तावेज़, 900+ डेटासेट, 1,400 डेटा प्रोफ़ाइल और 350 नीति आयोग प्रकाशन।
. बहुभाषी पहुंच: निकट भविष्य में यह मंच 22 प्रमुख भारतीय भाषाओं और 7 विदेशी भाषाओं में उपलब्ध होगा, जो विविध उपयोगकर्ता समूहों के लिए समावेशिता सुनिश्चित करेगा।
. क्षमता निर्माण पहल: संबंधित संस्थानों के सहयोग से विभिन्न स्तरों (ब्लॉक, जिला और राज्य) पर अधिकारियों के लिए तैयार डिजिटल प्रशिक्षण मॉड्यूल।
. विशेषज्ञ सहायता डेस्क: अग्रणी संस्थानों के साथ साझेदारी के माध्यम से विशेष मार्गदर्शन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को विशिष्ट चुनौतियों का समाधान करने की अनुमति देती है।
. डेटा एकीकरण: व्यापक और कार्रवाई योग्य अंतर्दृष्टि के लिए राष्ट्रीय डेटा और एनालिटिक्स प्लेटफ़ॉर्म (एनडीएपी) से डेटा का लाभ उठाता है और डेटा-संचालित निर्णय लेने को बढ़ावा देता है।
राज्यों के लिए नीति मंच का अपेक्षित प्रभाव:
. अधिकारियों को ठोस जानकारी, कार्रवाई योग्य अंतर्दृष्टि और उपयोगकर्ता के अनुकूल डिजिटल उपकरणों से लैस करके शासन के डिजिटल परिवर्तन में तेजी लाएगा।
. सफल पहलों को दोहराने और स्थानीय चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करने के लिए जिला एवं प्रखंड (ब्लॉक) स्तर पर अग्रिम पंक्ति के पदाधिकारियों को सशक्त बनाएगा।
. राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के बीच ज्ञान साझा करने एवं विनिमयी शिक्षा (क्रॉस-लर्निंग) के माध्यम से सहकारी संघवाद को बढ़ावा देना और सुशासन प्रथाओं को सशक्त बनाएगा।
‘राज्यों के लिए नीति’ मंच एक ऐसी आधारशिला पहल है जो राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को विकसित भारत की सामूहिक दृष्टि में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए सशक्त बनाती है। यह मंच देश भर में सहयोगी शासन को बढ़ावा देने और सुशासन प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए नीति आयोग की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करता है।