दिल्ली के उपमुख्यमंत्री को सीबीआई ने क्यों गिरफ्तार किया? दिल्ली में शराब घोटाले में असली मुद्दे क्या थे?

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 23मार्च। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री को सीबीआई ने क्यों गिरफ्तार किया? दिल्ली में शराब घोटाले में असली मुद्दे क्या थे? इस संबंध में एक मित्र ने एक छोटा सा विवरण भेजा है। आप इस घोटाले की गंभीरता को जानने के लिए इसे पढ़ सकते हैं।
राजनेता सरकार को राजस्व देने से इन्कार करने और उसे अपने पास रखने के लिए किसी भी सीमा तक जा सकते हैं। मुझे विश्वास नहीं होता कि ऐसी चीजें हो सकती हैं।

दिल्ली की पुरानी शराब नीति
750 एमएल थोक मूल्य ₹166.73
आबकारी शुल्क ₹223.88
वैट ₹106.00
खुदरा विक्रेता कमीशन ₹33.39
एमआरपी ₹530.00

मार्च 2022 में लागू केजरीवाल की नई शराब नीति
750 एमएल थोक मूल्य ₹188.41
आबकारी शुल्क ₹1.88
वैट 1% ₹1.90
खुदरा विक्रेता मार्जिन ₹363.27
अतिरिक्त आबकारी ₹4.54
एमआरपी ₹560.00

इस प्रकार पुरानी शराब नीति में एक बोतल पर सरकार की कमाई = 329.89 और नई शराब नीति में केवल 8.32. यानि नई नीति से सरकार को प्रति बोतल ₹321.57 का घाटा। पुरानी नीति में रिटेलर का कमीशन 33.39 होता था जबकि नई नीति में रिटेलर का कमीशन कुछ महीनों के लिए 363.27 रुपए था अर्थात रिटेलर को प्रति बोतल ₹330.12 का लाभ।

यहाँ देखने पर साफ पता चलता है कि सरकार को प्रति बोतल जितनी हानि होती-उतना ही रिटेलर को लगभग लाभ होता है, बल्कि उससे कुछ अधिक ही। अब समझ में आता है कि सिसाड़िया और केजूरुद्दीन की चालाकी भरी नई नीति बनाकर निर्माताओं/खुदरा विक्रेताओं को कितना फायदा पहुँचाया गया है…..

अब यह लाभ निर्माता को कैसे पहुँचा, तो नई नीति में निर्माताओं को रिटेल में दुकानें खोलने की अनुमति दे दी गई (जो नियमों के अनुसार गलत था)।

अब बिक्री के आंकड़े भी देख लीजिए।

पुरानी नीति में जहाँ शराब की बिक्री = 132 लाख लीटर प्रति माह थी,
वहीं नई नीति में शराब की बिक्री = 245 लाख लीटर प्रति माह हो गई।
इस बिक्री को बढ़ाने के लिए शराब पीने की उम्र घटाकर 18 वर्ष कर दी गई है और समय बढ़ाकर सुबह 3 बजे तक कर दिया गया है!!! ड्राई डे को 31 से घटाकर सिर्फ 3 दिन कर दिए…..ताकि शराब की खपत अधिक से अधिक हो।

अब आप समझ ही गए होंगे कि यह कितना बड़ा और भारी घोटाला है और सिसोड़िया और केजूरुद्दीन गैंग ने कितना पैसा कमाया है, जिसके कारण चीफ सेक्रेटरी को एलजी से सीबीआई जांच की मांग करनी पड़ी

यह उस पार्टी का हाल है जो राजनीति से भ्रष्टाचार मिटाने का दावा करके प्रचंड बहुमत से सत्ता में आई थी।
लेकिन उनकी अलमारी से भ्रष्टाचार के कंकाल निकल रहे हैं।
आम आमदनी पार्टी

जो भी भ्रष्ट है, उसे बख्शा नहीं जाना चाहिए
🚩जय भारत🌷
साभार-

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.