नवचयनित 1065 आयुर्वेद/होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारियों को मुख्यमंत्री ने दिए नियुक्ति पत्र
आयुष टेलीमेडिसिन सेवा शुरू करने वाला पहला राज्य बना उप्र
समग्र समाचार सेवा
लखनऊ, 04 जनवरी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि आज के दौर में दुनिया आयुर्वेद, योग और नेचुरोपैथी जैसी भारतीय चिकित्सा पद्धतियों की ओर आशा भरी निगाहों से देख रही है। कोविड काल के अनुभवों ने पूरी दुनिया को प्राचीन भारतीय ऋषि परंपरा की देन इन चिकित्सा विधियों को वैश्विक स्वीकार्यता दी है। इस लिहाज से उत्तर प्रदेश को दुनिया के लिए नए हेल्थ टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में पहचान दिलाई जाएगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को अपने सरकारी आवास पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा नवचयनित 1065 आयुर्वेद/होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारियों को नियुक्ति पत्र वितरण तथा 142 हेल्थ एन्ड वेलनेस सेंटरों का शुभारंभ कर रहे थे।
नवचयनित चिकित्सकों से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे ऋषियों ने ‘नास्ति मूलं अनौषधं’ का सूत्र दिया है। इसका आशय है कि कोई भी मूल कोई भी वनस्पति ऐसी नहीं जिसमें औषधीय गुण न हों। हमें अपनी जिज्ञासु प्रवृत्ति को विस्तार देते हुए वनस्पतियों के औषधीय गुणों के सम्बंध में नए शोध करने चहिए। उन्होंने कहा कि जिन ‘दादी के नुस्खों’ को पुरातन मान कर उपेक्षा की जाती थी, आज कोविड काल में वही काढ़ा, हींग, हल्दी, अदरक,कालीमिर्च, तुलसी और गिलोय आदि हमारे लिए जीवनदायिनी सिद्ध हुए। हमें इसका महत्व समझना होगा और इसी के अनुसार भविष्य की राह बनानी होगी।
प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्थापित 142 योग और वेलनेस सेंटरों का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सेंटर हेल्थ टूरिज्म में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। अभी भले ही यह योग प्रशिक्षण दे रहे हों किन्तु निकट भविष्य में यहां षट्कर्म जैसी विधियों का प्रशिक्षण भी दिया जाना चहिए। सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सतत प्रयासों से योग को वैश्विक स्वीकार्यता मिली। उन्होंने आयुष मंत्रालय का गठन किया और आयुष विश्वविद्यालय भी स्थापित किया। उनके प्रयासों को गति देना हमारी जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने इन केंद्रों पर तैनात योग प्रशिक्षकों और सहायकों के कार्यों की सतत समीक्षा के निर्देश भी दिए।
चिकित्सकों को योगी का संदेश, चिकित्सा धर्म को बनाएं मिशन
सीएम योगी के ‘मिशन रोजगार’ के क्रम में सोमवार को प्रदेश में 1065 नए आयुष/होम्योपैथिक चिकित्सकों की तैनाती हुई।वर्चुअल माध्यम से संवाद करते हुए सीएम योगी ने सभी को बधाई दी। नियुक्ति पत्र वितरित करते हुए मुख्यमंत्री ने चिकित्सकों से कहा कि आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी नेचुरोपैथी चिकित्सा विधियों में अभी बहुत संभावनाएं हैं। इस क्षेत्र में कॅरियर बनाना महज सरकारी डॉक्टर के पद पर चयनित होने तक सीमित नहीं है, इसे मिशन रूप में लेना होगा। उन्होंने विश्वास जताया कि शुचिता और पारदर्शिता पूर्ण प्रक्रिया के जरिये अपनी मेरिट के बल पर चयनित हुए यह चिकित्सक निश्चित ही चिकित्सक के मूल धर्म का पालन करेंगे।
बता दें कि बीते ढाई दशक में यह पहला अवसर है कि जब आयुष विभाग में एक साथ इतनी संख्या में चिकित्सकों की नियुक्ति हुई है।
मुख्यमंत्री आवास पर हुए कार्यक्रम में जनपद रायबरेली में तैनाती पाने वाली डॉ. श्रेया पांडेय व डॉ. वसीम, कुशीनगर के डॉ.ऋषभ कुमार, बाराबंकी की डॉ.पारुल वर्मा, सीतापुर के डॉ. रत्नेश कुमार, उन्नाव की डॉ.निहारिका गुप्ता, गोंडा की डॉ. तान्या वार्ष्णेय, सुल्तानपुर के डॉ. आशीष गोयल, और लखनऊ में तैनाती पाने वाली डॉ.बबिता कैन व डॉ. अदिति सोनकर को नियुक्ति पत्र प्रदान किया, जबकि वर्चुअली इस कार्यक्रम से जुड़े शेष नव चयनित चिकित्सकों को स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा नियुक्ति पत्र वितरित किए गए।
घर बैठे लीजिये आयुष विशेषज्ञों से परामर्श:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को आयुष टेलीमेडिसिन सेवा की शुरुआत भी की। इस नई सेवा से प्रदेशवासियों को अब घर बैठे आयुष विशेषज्ञों से परामर्श लेने की सुविधा मिल सकेगी। आयुष टेलीमेडिसिन की राज्यव्यापी सेवा शुरू करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य है। प्रथम चरण में गोरखपुर, अयोध्या, लखनऊ सहित प्रदेश के 16 जनपदों की 384 डिस्पेंसरियां इस व्यवस्था से जुड़ी हैं। कोई भी जरूरतमंद https://ayushup-telemedicine.in/ वेबसाइट के अलावा आयुष कवच-कोविड एप के माध्यम से रोगी को अपना पंजीकरण कर इस आयुष टेलीमेडिसिन सेवा का लाभ ले सकता है। पंजीकरण के बाद परामर्श के लिए अपॉइंटमेंट लेना होगा और फिर तय समय पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग/टेली कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से विशेषज्ञों द्वारा परामर्श मिल सकेगा। यही नहीं, अगर कोई रोगी स्मार्टफोन या इंटरनेट इस्तेमाल करने में सक्षम नहीं है तो वह नजदीकी आयुष चिकित्सालय में संपर्क कर टेलीमेडिसिन सेवा का लाभ उठा सकते हैं।
कोरोना में आयुर्वेद बना सहारा:
कार्यक्रम में प्रदेश के आयुष विभाग के मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्म सिंह सैनी ने कहा कि कोरोना काल में आयुष काढा और आयुष कवच-कोविड के अभिनव प्रयासों ने करोड़ों लोगों के जीवन की रक्षा की। उन्हें आवश्यक विशेषज्ञों का परामर्श मिला। अब 1065 चिकित्सकों की नियुक्ति, आयुष टेलीमेडिसिन सेवा और योग एन्ड वेलनेस सेंटर उत्तर प्रदेश के लोगों को समय पर, सहजता से गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा देने में सहायक होंगे। कार्यक्रम में आयुष विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रशांत त्रिवेदी, विशेष सचिव राजकमल यादव, मुख्यमंत्री कार्यालय के सचिव आलोक कुमार व विशेष सचिव सुरेंद्र सिंह, राज्य आयुष मिशन के अधिकारी सहित अनेक अधिकारियों व नव चयनित चिकित्सकों की उपस्थिति रही।