समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 8जनवरी।
भारतीय रिजर्व बैंक ने तीन नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों का लाइसेंस रद्द कर दिया है। वहीं 6 अन्य NBFC ने आरबीआई के सामने अपना लाइसेंस सरेंडर कर दिया है। बता दें इससे पहले भी आरबीआई कई NBFC का लाइसेंस बिजनेस नहीं करने की वजह से रद्द कर चुकी है। इसके साथ ही कुछ NBFC ने व्यवसाय न होने की वजह से अपना लाइसेंस सरेंडर किया था।
नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC) देश के बैंक और बाजार से पैसा उधार लेकर ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्र में छोटा व्यवसाय करने वाले व्यापारियों को कर्ज उपलब्ध कराती है। वहीं NBFC की ब्याज दर बैंक की अपेक्षा थोड़ी ज्यादा होती है, लेकिन NBFC से कर्ज लेने के लिए लोगों को ज्यादा कागजी कार्रवाई नहीं करनी होती।
RBI की तरफ से जारी बयान के मुताबिक इन एनबीएफसी का लाइसेंस आरबीआई एक्ट-1934 की धारा 45-I के सेक्शन-ए के नियमों के अनुसार काम नहीं करने पर रद्द किया गया है। जिसमें उत्तर प्रदेश की अभिनव गॉयर परचेज, गुरुग्राम की जुपिटर मैनेजमेन्ट सर्विस और असम की एन लिजिंग एंड फाइनेंस शामिल है।
वहीं 6 एनबीएफसी ने खुद अपना लाइसेंस सरेंडर कर दिया है। जिसमें नोएडा की Raghukul Trading, वाराणसी की Divya Tie-Up, नई दिल्ली की Girnar Investment, अंधेरी (मुंबई) Choice International, जयपुर की Devyani Infrastructure and Credits और गुवहाटी की JK Builders and Property Developers ने अपना लाइसेंस आरबीआई के सामने सरेंडर कर दिया है।