भोजशाला परिसर पर ASI ने सौंपी 2,000 पन्नों की रिपोर्ट, सर्वे में देवी-देवताओं की मूर्तियां मिलने का हिंदू पक्ष ने किया दावा
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 15जुलाई। मध्यप्रदेश में धार में मौजूद भोजशाला-कमाल मौला मस्जिद के विवादित परिसर पर लंबे समय से सर्वे जारी है. अब इसपर ASI ने इंदौर हाई कोर्ट में 2000 पन्नों की रिपोर्ट पेश की है . 22 मार्च से शुरू हुआ सर्वे 98 दिनों तक चला. रिपोर्ट के मुताबिक सर्वे में 1700 से अधिक अवशेष और प्रमाण मिले. सर्वे GPS और GRS समेत कार्बन डेटिंग से किया गया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के लिए कोर्ट ने लगाई पाबंदी
हिन्दू पक्ष के याचिकाकर्ता का दावा है कि एएसआई सर्वे में भोजशाला में देवी देवताओं की मूर्तियां मिली हैं. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई और एमपी हाईकोर्ट की सुनवाई पर रोक की मांग की है.
रिपोर्ट में ASI ने क्या कहा
एएसआई ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि ये अवशेष पहले से मौजूद मंदिर के हैं. “कला और स्तंभों पर वास्तुकला से पता चलता है कि वे मंदिरों का हिस्सा थे, एएसआई ने रिपोर्ट में कहा है, सर्वेक्षण के दौरान मंदिर के अवशेष और क्षत-विक्षत विष्णु की मूर्तियां मिलीं.
रिपोर्ट के अनुसार, संरचना परमार काल की है. परिसर में मौजूद शिलालेखों से यह कहा जा सकता है कि शिलालेखों में साहित्यिकता समाहित थी कुछ परमार राजाओं द्वारा रचित रचनाएं हैं.
भोजशाला को लेकर ASI सर्वे की रिपोर्ट पर हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन का कहना है-
-भोजशाला सर्वे को लेकर ASI की रिपोर्ट बहुत अहम है. इससे हिंदू पक्ष का केस कोर्ट में मजबूत हुआ है कि वो जगह हिंदू मंदिर है.
-भोजशाला ASI संरक्षित स्मारक है. इसलिए प्लेसेस ऑफ वरशिप एक्ट यहां लागू नहीं होता. इसको लेकर मुस्लिम पक्ष की ये आपत्ति निराधार है.
-SC ने HC में सुनवाई पर रोक लगाई हुई है. इसलिए आज हमने SC से इस रोक को हटाने की मांग पर जल्द सुनवाई की मांग की थी.
कब मिला था सर्वे का निर्देश
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने 4 जुलाई को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को विवादित धार के भोजशाला परिसर मामले पर 15 जुलाई तक अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था.
हिंदुओं के मंदिर, मुसलमानों के लिए मस्जिद
हिंदुओं के लिए भोजशाला परिसर देवी वाग्देवी (सरस्वती) को समर्पित एक मंदिर है. मुसलमानों के लिए, यह कमल मौला मस्जिद का स्थान है. 2003 में एक व्यवस्था के अनुसार, हिंदू मंगलवार को सूर्योदय से सूर्यास्त तक परिसर में पूजा करते थे. जबकि मुस्लिम शुक्रवार को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक नमाज अदा करते थे.
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ के आदेश के बाद एएसआई ने 22 मार्च को आदिवासी बहुल धार जिले में स्थित भोजशाला/कमल मौला मस्जिद परिसर में सर्वेक्षण शुरू किया था. एक अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की इंदौर बेंच द्वारा आगे सुनवाई पर रोक लगा दी थी. ASI सर्वे को हरी झंडी दिखाई थी. भरोसा दिया था कि वह इस मामले को देखेंगे.