समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 23जुलाई। समाचार पत्रों (22 जुलाई) में प्रकाशित समाचार “सिविल सेवक अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गतिविधियों में भाग ले सकते हैं” स्वागत योग्य है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने 99 वर्षों से बिना किसी भेदभाव के, निस्वार्थ भाव से, सरकारी सहायता या अनुदान, कॉर्पोरेट या निजी दान और वित्तीय सहायता, परोपकार और गैर-राजनीतिक गतिविधियों के माध्यम से स्वदेशी, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे सामाजिक रूप से उपयोगी कार्यों के लिए समाज में काम किया है। , पर्यावरण बुधवार। , अनुसंधान, उद्योग और वाणिज्य, संस्कृति और धर्म, आपदा राहत, मानव चरित्र विकास, योग, वनवासियों के कल्याण, व्यक्तिगत विद्यालय, विज्ञान, खेल जैसे विभिन्न क्षेत्रों में शामिल है और अनगिनत स्वयंसेवक निस्वार्थ रूप से अपना बहुमूल्य समय समाज को समर्पित करते हैं। राष्ट्रीय. स्वयंसेवक संघ और हम मातृभूमि के लिए अधिकतम गौरव सुनिश्चित करने को अपना लक्ष्य मानते हैं। इन 99 वर्षों के दौरान हजारों प्रचारकों ने अपना संपूर्ण जीवन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और मातृभूमि को समर्पित कर दिया है। सनातन भारत की आत्मा में निहित है और जिनके भीतर भारत की आत्मा नहीं है वे सनातन को अपने अस्तित्व के लिए खतरा मानने लगते हैं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की आलोचना और अपमान करते हैं। संघ के अलावा अनेक समर्पित स्वयंसेवी संगठन एवं व्यक्ति विभिन्न रूपों में समाज की सेवा में लगे हुए हैं। अत: लोक सेवकों को निस्वार्थ भाव से जनता की सेवा करने से रोकना भी उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। इसलिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को गैर-राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने की अनुमति देना सराहनीय है।