दिल्ली: अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी का संकट गहराया, स्वास्थ्य मंत्री ने उपराज्यपाल पर लगाया भर्ती में बाधा का आरोप

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 5अगस्त। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी के मुद्दे को लेकर उपराज्यपाल पर आरोप लगाया है। आशा किरण शेल्टर होम में हुई मौतों के मामले के बीच, स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में डॉक्टरों और विशेषज्ञों के कई पद खाली पड़े हैं।

स्वास्थ्य मंत्री का बड़ा बयान
सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार ने कई बार उपराज्यपाल को डॉक्टरों और विशेषज्ञों की रिक्तियों को भरने के लिए पत्र लिखा है, लेकिन अब तक भर्ती प्रक्रिया में कोई प्रगति नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि मार्च 2023 में स्वास्थ्य मंत्री बनने के बाद, अप्रैल 2023 में उन्होंने डॉक्टरों की 292 और विशेषज्ञों की 234 रिक्तियों को भरने के लिए उपराज्यपाल को लिखा था।

उपराज्यपाल को लिखा पत्र
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि उन्होंने एलजी को यह सुझाव भी दिया था कि भर्ती के लिए यूपीएससी पर निर्भर न रहें क्योंकि इसमें काफी समय लगता है। इसके बजाय, उन्होंने अनुबंध के आधार पर भर्ती करने की सिफारिश की। बावजूद इसके, 6 जून 2023 को पुनः पत्र लिखने के बावजूद, किसी भी डॉक्टर की भर्ती नहीं की गई।

डॉक्टरों की कमी की गंभीरता
सौरभ भारद्वाज के अनुसार, दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों और विशेषज्ञों के लगभग 30 प्रतिशत पद खाली हैं। विशेषज्ञ डॉक्टरों के पद 39 प्रतिशत और चिकित्सा अधिकारियों के पद 21 प्रतिशत खाली हैं। इसके अलावा, नर्सों और फार्मासिस्टों के क्रमशः 20 प्रतिशत और 33 प्रतिशत पद भी खाली हैं। दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में ओटी टेक, लैब टेक और अन्य पैरामेडिक्स के 1,658 पद भी खाली पड़े हैं।

स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, उपराज्यपाल को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए और खाली पदों को भरने की प्रक्रिया में तेजी लानी चाहिए।

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