विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा: रूस की सेना में भर्ती 69 भारतीयों की रिहाई का इंतजार, कई मामलों में गुमराह किए जाने के संकेत

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 9अगस्त। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार को लोकसभा में बताया कि सरकार रूस की सेना में भर्ती हुए 69 भारतीयों की रिहाई का इंतजार कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि कई मामलों में संकेत मिलते हैं कि भारतीय नागरिकों को गुमराह करके रूस की सेना में भर्ती किया गया है।

जयशंकर ने बताया कि लोगों को गुमराह करके रूस की सेना में भर्ती कराने के मामले में सीबीआई ने 19 व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है। इसके अलावा 10 मानव तस्करों के खिलाफ सबूत सामने आए हैं जिनकी पहचान सरकार को पता है।

उन्होंने बताया कि आरोपियों में से दो को 24 अप्रैल और दो अन्य को 7 मई को गिरफ्तार किया गया है। जयशंकर ने लोकसभा में कहा, “हमें बिना सोचे-समझे नहीं कहना चाहिए कि रूस इस मामले में गंभीर नहीं है। हमें रूस सरकार को उनके वादे पर कायम रहना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमें उन 69 लोगों को वापस लाना है क्योंकि भारतीय नागरिकों को विदेशी सेनाओं में नहीं होना चाहिए।”

जयशंकर ने AIMIM सदस्य असदुद्दीन ओवैसी के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि भारत रूस से छूटे हुए तेल की खरीद को रोकने पर विचार कर रहा है यदि रूस ने भारतीय नागरिकों की रिहाई पर कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि अब तक 91 भारतीयों के रूस की सेना में भर्ती होने की रिपोर्ट मिली है। इनमें से आठ की मौत हो गई है, 14 को वापस लाया गया है और 69 भारतीय नागरिक रूस की सेना से रिहाई का इंतजार कर रहे हैं।

जयशंकर ने बताया कि आठ मृतकों में से चार के शव भारत भेजे जा चुके हैं, जबकि दो मामलों में – एक हरियाणा और एक पंजाब – डीएनए सैंपल रूस को भेजे गए हैं। गुजरात के एक मामले में परिवार ने शव को रूस में ही जलाने की इच्छा जताई है, और उत्तर प्रदेश के एक मामले में शव को भारत लाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि रूस की ओर से यह दावा किया जा रहा है कि भारतीय नागरिकों ने रूस की सेना के साथ सेवा के अनुबंध किए थे। “हम इसे जरूरी नहीं मानते… कई मामलों में संकेत मिलते हैं कि हमारे नागरिकों को गुमराह किया गया, उन्हें किसी अन्य काम के लिए भेजा गया और बाद में रूस की सेना में तैनात किया गया।”

जयशंकर ने बताया कि इस मुद्दे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बैठक में उठाया था। उन्होंने कहा, “हम इस मुद्दे को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं। मैंने इसे कई बार रूस के विदेश मंत्री के साथ उठाया है। जब प्रधानमंत्री पिछले महीने मास्को में थे, उन्होंने इसे व्यक्तिगत रूप से राष्ट्रपति पुतिन के साथ उठाया और आश्वासन प्राप्त किया कि किसी भी भारतीय नागरिक को रूस की सेना से छुट्टी दी जाएगी।”

कांग्रेस सदस्य आडूर प्रकाश के सवालों का जवाब देते हुए जयशंकर ने बताया कि उन्होंने केरल की अटिंगल सीट से पांच युवाओं के रूस की सेना में भर्ती होने और बाद में रिहा होने की जानकारी दी। उन्होंने साइबर तस्करी के मामलों पर भी जानकारी दी और कहा कि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है और इसे रोकने के लिए सभी संबंधित सरकारों से संपर्क कर रही है।

“अब तक 650 भारतीय नागरिकों को कंबोडिया, 415 को म्यांमार और 548 को लाओस से वापस लाया गया है। यह मामला राजनीतिक नहीं बल्कि कानून प्रवर्तन और संघीय सरकार के बीच समन्वय का है। जहां भी कानून के उल्लंघन का सबूत मिलेगा, हम एजेंटों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे।”

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