RSS प्रमुख मोहन भागवत की सुरक्षा बढ़ाई गई: Z+ श्रेणी की सुरक्षा में भी वृद्धि

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,28अगस्त। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत की सुरक्षा को हाल ही में और अधिक कड़ा कर दिया गया है। उन्हें पहले से ही Z+ श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त थी, जो कि भारत में उपलब्ध सबसे उच्च स्तर की सुरक्षा होती है। नई जानकारी के अनुसार, सुरक्षा एजेंसियों ने हाल के खुफिया इनपुट्स के आधार पर उनकी सुरक्षा को और बढ़ाने का निर्णय लिया है।

Z+ श्रेणी की सुरक्षा क्या है?

Z+ श्रेणी की सुरक्षा सबसे उच्च स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था है, जिसमें लगभग 50 से 55 सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की जाती है। इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) कमांडो, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), और स्थानीय पुलिस के जवान शामिल होते हैं। इस सुरक्षा व्यवस्था के तहत, मोहन भागवत की हर गतिविधि की निगरानी की जाती है और उन्हें हर समय सुरक्षा घेरे में रखा जाता है। उनके काफिले में बुलेटप्रूफ वाहन और अन्य सुरक्षा उपकरण शामिल होते हैं।

सुरक्षा बढ़ाने की आवश्यकता क्यों पड़ी?

हाल ही में खुफिया एजेंसियों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, मोहन भागवत को कुछ चरमपंथी समूहों और आतंकवादी संगठनों से खतरा हो सकता है। उनकी बढ़ती राजनीतिक और सामाजिक प्रभावशीलता के कारण, वे कई बार विरोधियों और असंतुष्ट समूहों के निशाने पर रहे हैं। ऐसे में सुरक्षा एजेंसियों ने उनकी सुरक्षा को और मजबूत करने का निर्णय लिया है ताकि किसी भी संभावित खतरे से उन्हें बचाया जा सके।

RSS और मोहन भागवत की भूमिका

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भारत का एक प्रमुख सांस्कृतिक और सामाजिक संगठन है, जिसका मुख्य उद्देश्य भारत की सांस्कृतिक और राष्ट्रीय पहचान को संरक्षित करना है। मोहन भागवत, 2009 से RSS के सरसंघचालक के रूप में कार्यरत हैं और उनके नेतृत्व में संगठन ने कई सामाजिक और सांस्कृतिक पहल की हैं। भागवत की विचारधारा और वक्तव्यों का प्रभाव भारतीय समाज और राजनीति पर देखा जा सकता है। उनकी लोकप्रियता और प्रभावशीलता ने उन्हें देश के महत्वपूर्ण व्यक्तियों में शामिल किया है।

सुरक्षा उपायों में वृद्धि के संभावित पहलू

भागवत की सुरक्षा को बढ़ाना, न केवल उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह उनके संगठन और अनुयायियों के मनोबल को भी मजबूत करता है। बढ़ी हुई सुरक्षा के साथ, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वे बिना किसी बाधा के अपने सामाजिक और संगठनात्मक कार्यों को जारी रख सकें। सुरक्षा एजेंसियां अब उनकी हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखेंगी और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत जांच की जाएगी।

सार्वजनिक प्रतिक्रिया और प्रभाव

भागवत की सुरक्षा बढ़ाने के फैसले पर विभिन्न स्तरों पर प्रतिक्रिया आई है। उनके अनुयायियों और समर्थकों ने इस कदम का स्वागत किया है, क्योंकि इससे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित होती है। वहीं, कुछ विरोधी राजनीतिक दलों और संगठनों ने इसे अतिश्योक्ति करार दिया है, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर, सुरक्षा एजेंसियों ने यह कदम उठाया है।

निष्कर्ष

मोहन भागवत की सुरक्षा को बढ़ाना उनकी सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण कदम है। Z+ श्रेणी की सुरक्षा में वृद्धि करके, यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई भी उन्हें और उनके कार्यों को नुकसान न पहुंचा सके। यह कदम सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता और खुफिया सूचनाओं पर उनकी त्वरित प्रतिक्रिया को भी दर्शाता है। आने वाले समय में, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इन सुरक्षा उपायों के बाद भागवत की सुरक्षा को और कैसे मजबूत किया जा सकता है।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.