प्रधानमंत्री मोदी का योग और फिटनेस मंत्र: अनुशासन, समर्पण और योगाभ्यास की शक्ति

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,17 सितम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न केवल भारत के नेतृत्व की मिसाल हैं, बल्कि उनकी फिटनेस और जीवनशैली भी प्रेरणा का स्रोत है। एक व्यस्त जीवनशैली के बावजूद, मोदी जी अपने शरीर और मन को फिट रखने के लिए योग का नियमित अभ्यास करते हैं। उनके योगाभ्यास में वज्रासन, सेतुबंधासन, भुजंगासन और उत्तानपादासन जैसे आसन शामिल हैं, जो न केवल शरीर को तंदुरुस्त रखने में सहायक हैं बल्कि मानसिक शांति और एकाग्रता भी प्रदान करते हैं।

योग के प्रति मोदी का समर्पण

प्रधानमंत्री मोदी के दिन की शुरुआत योग से होती है। उनका मानना है कि योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि यह आत्मा, मन और शरीर का संतुलन है। योग उनके जीवन का अभिन्न अंग है, और यही कारण है कि उनके व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद वे इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करते हैं। खास बात यह है कि वे प्रतिदिन केवल साढ़े तीन घंटे की नींद लेते हैं और बाकी समय अपने कर्तव्यों और फिटनेस को समर्पित करते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी के पसंदीदा आसन

  1. वज्रासन: यह आसन पाचन तंत्र को मजबूत बनाने और शरीर की चर्बी घटाने में मदद करता है। इसे खाने के बाद भी किया जा सकता है, जो पाचन के लिए लाभकारी है।
  2. सेतुबंधासन: यह आसन रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है और शरीर को ऊर्जा से भरपूर रखता है। सेतुबंधासन का नियमित अभ्यास तनाव को कम करने और शरीर के अंगों को सक्रिय रखने में मदद करता है।
  3. भुजंगासन: इसे कोबरा पोज के नाम से भी जाना जाता है। यह आसन रीढ़ को मजबूत करता है, छाती को खोलता है, और फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाता है। प्रधानमंत्री मोदी इस आसन को अपने श्वसन तंत्र को मजबूत करने के लिए करते हैं।
  4. उत्तानपादासन: यह आसन पेट और जांघों की मांसपेशियों को मजबूत करने में सहायक है। यह शरीर के निचले हिस्से को टोन करने और रक्त संचार को बेहतर बनाने में मदद करता है।

प्रधानमंत्री की दिनचर्या में योग का स्थान

मोदी जी का मानना है कि योग शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक संतुलन और ध्यान को भी बढ़ावा देता है। वे योग को न केवल भारतीय संस्कृति का उपहार मानते हैं, बल्कि इसे वैश्विक मंच पर भी बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे हैं। उनके प्रयासों के फलस्वरूप, आज 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में पूरी दुनिया में मनाया जाता है।

साढ़े तीन घंटे की नींद और योग से ऊर्जा

यह आश्चर्यजनक है कि एक विश्व नेता, जो रोजाना कई महत्वपूर्ण निर्णय लेते हैं और लगातार यात्रा करते हैं, वह केवल साढ़े तीन घंटे की नींद में अपने शरीर को ऊर्जा से भरपूर बनाए रखते हैं। इसका मुख्य कारण उनकी योग और ध्यान की आदतें हैं, जो न केवल उनके शरीर को तरोताजा रखती हैं बल्कि मानसिक स्पष्टता भी प्रदान करती हैं।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का योग के प्रति समर्पण और अनुशासन हमें यह सिखाता है कि फिटनेस और मानसिक शांति पाने के लिए समय और संसाधनों की आवश्यकता नहीं होती, बल्कि यह दृढ़ संकल्प और सही दिशा में नियमित अभ्यास से संभव है। योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करके हम भी स्वस्थ, ऊर्जावान और ध्यानपूर्ण जीवन जी सकते हैं।

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