Sensex Opening Bell: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव और फेडरल रिजर्व की ब्याज दर के फैसले से पहले शेयर बाजारों में गिरावट

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,5 नवम्बर। मंगलवार को भारतीय शेयर बाजारों ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव और फेडरल रिजर्व की ब्याज दर के फैसले से पहले विदेशी फंडों की निरंतर निकासी और निवेशकों की सतर्क धारणा के बीच कमजोरी का सामना किया। बाजार की शुरुआत में ही सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट देखी गई, जिससे निवेशकों के बीच चिंता का माहौल बना हुआ है।

बाजार की चाल

सेंसेक्स ने शुरुआती कारोबार में 300 अंक की गिरावट के साथ 65,000 के स्तर को छू लिया। दूसरी ओर, निफ्टी 50 इंडेक्स भी 100 अंकों की गिरावट के साथ 19,300 के स्तर के नीचे आ गया। इस गिरावट के पीछे कई कारण हैं, जिनमें प्रमुख हैं विदेशी फंडों की लगातार निकासी और वैश्विक स्तर पर निवेशकों की सतर्कता।

विदेशी फंडों की निकासी

हाल के दिनों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) ने भारतीय शेयर बाजार से निकासी की है। केवल पिछले सप्ताह में, विदेशी निवेशकों ने लगभग 1,000 करोड़ रुपये की राशि निकाली। इसके पीछे का मुख्य कारण अमेरिका में संभावित ब्याज दरों में बढ़ोतरी है, जिसके चलते निवेशक सुरक्षित विकल्पों की तलाश कर रहे हैं।

अमेरिका के फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि की संभावना ने निवेशकों को सतर्क कर दिया है। यदि ब्याज दरें बढ़ती हैं, तो इससे वैश्विक स्तर पर बाजारों में अस्थिरता आ सकती है, जो भारतीय शेयर बाजारों को भी प्रभावित कर सकती है।

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव का प्रभाव

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव भी एक महत्वपूर्ण कारक है जो बाजार की धारणा को प्रभावित कर रहा है। चुनाव से पहले की अनिश्चितता ने निवेशकों को सतर्क कर दिया है। इससे पहले कि चुनाव के परिणाम सामने आएं, कई निवेशक अपने पोर्टफोलियो को सुरक्षित करने का प्रयास कर रहे हैं, जिससे शेयर बाजारों में दबाव बढ़ रहा है।

निवेशकों की धारणा

निवेशकों की धारणा में सतर्कता का प्रमुख कारण वैश्विक आर्थिक स्थिति और केंद्रीय बैंकों की नीतियाँ हैं। वैश्विक स्तर पर महंगाई और आर्थिक विकास की चिंता ने बाजार को प्रभावित किया है। कई निवेशक मौजूदा स्थिति में मुनाफा लेने के लिए बिकवाली कर रहे हैं, जिससे बाजार में गिरावट आ रही है।

बाजार की संभावनाएँ

हालांकि, बाजार में गिरावट के इस दौर के बीच कुछ विश्लेषक आश्वस्त हैं कि लंबे समय में भारतीय बाजार में सुधार हो सकता है। वे मानते हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था में बुनियादी मजबूत हैं और बाजार में स्थिरता आने पर निवेशक फिर से सक्रिय हो सकते हैं।

निष्कर्ष

आज के शुरुआती कारोबार में भारतीय शेयर बाजारों में गिरावट आई है, जो कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव और फेडरल रिजर्व की ब्याज दर के फैसले से पहले की अस्थिरता को दर्शाता है। विदेशी फंडों की निकासी और निवेशकों की सतर्कता ने इस गिरावट को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ऐसे में निवेशकों को सतर्क रहने और अपने निवेश के निर्णयों को सोच-समझकर लेने की आवश्यकता है।

बाजार की चाल पर निगाह बनाए रखना जरूरी है, क्योंकि अगले कुछ दिनों में चुनावों के परिणाम और फेडरल रिजर्व की नीतियों का बाजार पर गहरा असर पड़ सकता है।

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