जिरीबाम मामले में एसपी को हटाने का आदेश, कांग्रेस का सवाल – “क्या दीवार पर लिखी इबारत पढ़ रहे गृह मंत्री?”

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,19 नवम्बर।
मणिपुर के जिरीबाम जिले में हाल ही में हुई हिंसा और कानून-व्यवस्था के बिगड़ने के बाद राज्य सरकार ने एसपी (सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस) को हटा दिया है। इस आदेश पर अब राजनीति तेज हो गई है, खासकर कांग्रेस पार्टी ने इस कदम पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कांग्रेस का कहना है कि क्या मणिपुर के गृह मंत्री “दीवार पर लिखी इबारत” पढ़ रहे हैं?

क्या है जिरीबाम मामला?

मणिपुर के जिरीबाम जिले में हाल ही में हिंसा और आपसी संघर्ष की घटनाएं बढ़ी हैं, जिससे वहां की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठने लगे थे। स्थानीय लोगों का आरोप था कि पुलिस प्रशासन की नाकामी के कारण स्थिति और बिगड़ी, जिससे कई लोग प्रभावित हुए। इस हिंसा के बाद राज्य सरकार ने जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए जिरीबाम जिले के एसपी को हटा दिया।

कांग्रेस का आरोप

कांग्रेस पार्टी ने इस कदम पर तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि मणिपुर सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए केवल प्रतीकात्मक कदम उठा रही है। कांग्रेस के नेता ने सवाल उठाते हुए कहा, “क्या गृह मंत्री दीवार पर लिखी इबारत पढ़ रहे हैं?” इसका मतलब यह था कि सरकार केवल कागजी कार्रवाई करने और जिम्मेदारी से बचने के लिए ऐसे कदम उठा रही है, जो असल में समस्या का समाधान नहीं करते।

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार हिंसा के असल कारणों को नजरअंदाज कर रही है और सिर्फ पुलिस अधिकारियों को बदलने से कुछ नहीं बदलेगा। पार्टी ने मांग की कि मणिपुर में स्थिति को सुधारने के लिए राज्य सरकार को ठोस और वास्तविक कदम उठाने होंगे, जिसमें सुरक्षा की स्थिति को सुधारना और लोगों का विश्वास जीतना शामिल है।

सरकार की प्रतिक्रिया

मणिपुर सरकार का कहना है कि एसपी को हटाना केवल एक प्रशासनिक कदम था और यह स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लिया गया। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि मामले की गहन जांच की जा रही है और जो भी जिम्मेदार होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। राज्य सरकार ने यह भी बताया कि जिरीबाम मामले में कानून-व्यवस्था को बेहतर करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाबल भेजे गए हैं।

राजनीतिक बयानबाजी

जिरीबाम मामले पर कांग्रेस और भाजपा के बीच तीखी बयानबाजी देखने को मिल रही है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मणिपुर में भाजपा की सरकार अपने कर्तव्यों से मुंह मोड़ रही है और केवल अपने राजनैतिक फायदे के लिए काम कर रही है। वहीं, भाजपा ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह एक प्रशासनिक फैसला था और राज्य सरकार कानून व्यवस्था की स्थिति को सुधारने के लिए प्रतिबद्ध है।

निष्कर्ष

जिरीबाम हिंसा के मामले में एसपी को हटाने का आदेश मणिपुर सरकार का एक प्रतीकात्मक कदम प्रतीत हो रहा है, जिसे कांग्रेस जैसे विपक्षी दलों ने सख्त आलोचना की है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस कदम के बाद कानून-व्यवस्था की स्थिति को सुधारने में कितनी सफल होती है और क्या यह कदम वास्तव में स्थिति को सुधारने में प्रभावी साबित होता है या सिर्फ एक अस्थायी उपाय बनकर रह जाता है।

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