रूस जाएंगे राजनाथ सिंह: नौसेना के लिए लाएंगे नया जंगी जहाज INS तुशिल

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,29 नवम्बर।
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एक महत्वपूर्ण यात्रा पर रूस जाने की तैयारी कर रहे हैं। इस यात्रा का उद्देश्य भारतीय नौसेना के लिए एक नए जंगी जहाज INS तुशिल को भारत लाना है। यह कदम भारतीय समुद्री सुरक्षा को और मजबूत करने और हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने के लिए उठाया गया है।

INS तुशिल: भारतीय नौसेना की नई शक्ति

INS तुशिल एक अत्याधुनिक युद्धपोत है, जिसे भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग के तहत बनाया गया है।

  • यह सुपर गोरशकोव-क्लास फ्रिगेट का हिस्सा है, जो उन्नत रडार, मिसाइल और हथियार प्रणालियों से लैस है।
  • यह जहाज सतह, वायु और पनडुब्बी खतरों से निपटने की क्षमता रखता है।
  • INS तुशिल भारतीय नौसेना के रणनीतिक लक्ष्यों को मजबूत करेगा, खासतौर पर हिंद महासागर और दक्षिण चीन सागर में।

भारत-रूस रक्षा साझेदारी का हिस्सा

INS तुशिल भारत-रूस रक्षा साझेदारी का प्रतीक है। यह जहाज 2016 में भारत और रूस के बीच 4 फ्रिगेट बनाने के समझौते का हिस्सा है।

  • इन जहाजों में से दो रूस में और दो भारत में बनाए जा रहे हैं।
  • INS तुशिल को सेंट पीटर्सबर्ग के यांतर शिपयार्ड में तैयार किया गया है।
  • इस परियोजना में भारतीय इंजीनियरों और विशेषज्ञों ने भी योगदान दिया है।

राजनाथ सिंह की यात्रा के प्रमुख उद्देश्य

  1. INS तुशिल की डिलीवरी: रक्षा मंत्री इस जहाज को भारतीय नौसेना को सौंपने के लिए औपचारिक समारोह में शामिल होंगे।
  2. सैन्य सहयोग को बढ़ावा: राजनाथ सिंह रूस के उच्च अधिकारियों से मुलाकात करेंगे और रक्षा सहयोग के अन्य क्षेत्रों पर चर्चा करेंगे।
  3. भविष्य की योजनाएं: भारत-रूस के बीच रक्षा उत्पादन और तकनीकी साझेदारी को और गहरा बनाने पर बातचीत होगी।

INS तुशिल का भारत के लिए महत्व

INS तुशिल का नौसेना में शामिल होना भारतीय समुद्री रणनीति के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।

  • यह जहाज भारत को अपने समुद्री क्षेत्र में किसी भी संभावित खतरे से निपटने में सक्षम बनाएगा।
  • यह चीन की बढ़ती समुद्री गतिविधियों का प्रभावी जवाब देने में मदद करेगा।
  • इसके शामिल होने से भारतीय नौसेना की युद्ध क्षमता और आत्मनिर्भर भारत अभियान को बढ़ावा मिलेगा।

भारत और रूस की मजबूत रक्षा साझेदारी

भारत और रूस के बीच दशकों पुराना रक्षा सहयोग है।

  • रूस भारतीय सैन्य उपकरणों का प्रमुख आपूर्तिकर्ता रहा है।
  • भारत के रक्षा क्षेत्र में रूस के साथ S-400 मिसाइल सिस्टम, पनडुब्बी और फाइटर जेट जैसे कई प्रमुख प्रोजेक्ट्स पहले से ही चल रहे हैं।
  • INS तुशिल इस सहयोग में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

भविष्य की योजनाएं

राजनाथ सिंह की यात्रा में भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग को और मजबूत करने की योजनाओं पर चर्चा की संभावना है।

  • भारत रूसी तकनीक का उपयोग करते हुए अधिक स्वदेशी रक्षा उपकरण विकसित करने पर जोर दे सकता है।
  • दोनों देशों के बीच नई पनडुब्बी और मिसाइल सिस्टम परियोजनाओं पर समझौते हो सकते हैं।

निष्कर्ष

INS तुशिल का भारतीय नौसेना में शामिल होना भारत की समुद्री सुरक्षा के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यह जहाज हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की स्थिति को मजबूत करेगा और देश की सैन्य क्षमताओं में नया आयाम जोड़ेगा। राजनाथ सिंह की रूस यात्रा भारत-रूस रक्षा साझेदारी को और अधिक मजबूत करेगी, जो आने वाले वर्षों में भारत की सैन्य और रणनीतिक स्थिति को और सुदृढ़ करेगी।

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