समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,21 दिसंबर। नई दिल्ली: बसपा प्रमुख मायावती ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के डॉ. भीमराव आंबेडकर पर दिए गए बयान को लेकर बड़ा कदम उठाने का ऐलान किया है। मायावती ने कहा है कि उनकी पार्टी इस बयान को लेकर पूरे देश में आंदोलन करेगी। मायावती ने इसे दलित समाज और डॉ. आंबेडकर के प्रति भाजपा की “संवेदनहीनता” बताया है।
अमित शाह का बयान और विवाद
अमित शाह ने हाल ही में एक सभा में डॉ. भीमराव आंबेडकर के योगदान और उनकी विचारधारा पर बयान दिया था, जो बसपा समेत कई दलित संगठनों को आपत्तिजनक लगा। मायावती ने इसे आंबेडकर की विरासत को कमजोर करने और उनके योगदान को कम आंकने की कोशिश बताया। उन्होंने कहा, “डॉ. आंबेडकर ने भारत को संविधान दिया और समाज में समानता की नींव रखी। ऐसे में उनके खिलाफ कोई भी बयान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
आंदोलन की योजना
मायावती ने कहा कि बसपा देशव्यापी आंदोलन करेगी ताकि दलित समाज की आवाज को उठाया जा सके। इस आंदोलन के तहत रैलियां, सभाएं और विरोध प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे। मायावती ने दलित समाज और सभी प्रगतिशील ताकतों से इस आंदोलन में जुड़ने की अपील की है।
बसपा का उद्देश्य
मायावती ने कहा कि उनका उद्देश्य केवल अमित शाह के बयान का विरोध करना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि डॉ. आंबेडकर की विरासत को कोई नुकसान न पहुंचे। उन्होंने भाजपा और केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वे दलित समाज को हाशिए पर रखने की कोशिश कर रहे हैं।
समर्थन की अपील
मायावती ने अन्य विपक्षी दलों और सामाजिक संगठनों से भी अपील की कि वे इस मुद्दे पर एकजुट हों। उन्होंने कहा, “यह लड़ाई सिर्फ बसपा की नहीं है, बल्कि पूरे दलित समाज और उन सभी लोगों की है, जो सामाजिक न्याय और समानता में विश्वास करते हैं।”
निष्कर्ष
डॉ. आंबेडकर के प्रति बयानबाजी का मुद्दा भारतीय राजनीति में हमेशा संवेदनशील रहा है। बसपा का यह आंदोलन न केवल भाजपा को चुनौती देगा, बल्कि दलित समाज को भी एकजुट करने का प्रयास करेगा। अब यह देखना होगा कि इस आंदोलन को कितना व्यापक समर्थन मिलता है और इससे राजनीतिक समीकरणों पर क्या असर पड़ता है।