‘लोग मुझे पागल समझते थे, फिर जूना अखाड़े के संत ने…’ कुंभ में वायरल IIT ‘इंजीनियर बाबा’ ने सुनाई अपनी कहानी

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समग्र समाचार सेवा
प्रयागराज,15 जनवरी।
प्रयागराज कुंभ में इस बार एक अलग ही दृश्य देखने को मिला। भीड़ में एक संत अपनी खास पहचान बना रहे थे—लोग उन्हें ‘इंजीनियर बाबा’ कह रहे थे। दरअसल, यह बाबा कोई साधारण संत नहीं, बल्कि IIT से पढ़े-लिखे इंजीनियर हैं। उनकी वेशभूषा और जीवनशैली ने श्रद्धालुओं और सोशल मीडिया यूजर्स का ध्यान आकर्षित किया।

इंजीनियर से बाबा बनने का सफर
इंजीनियर बाबा का असली नाम अजय शर्मा है। उन्होंने IIT दिल्ली से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी। एक समय था जब वह कॉर्पोरेट सेक्टर में अच्छी खासी नौकरी कर रहे थे, लेकिन मन की शांति के लिए उन्होंने सबकुछ छोड़ दिया। जब उन्होंने सांसारिक जीवन त्यागने का निर्णय लिया तो कई लोगों ने उन्हें पागल समझा। लेकिन उन्होंने समाज की परवाह नहीं की और अपने आत्मिक सफर पर निकल पड़े।

जूना अखाड़े से जुड़ाव
अजय शर्मा का आध्यात्मिक जीवन तब नया मोड़ लेता है जब जूना अखाड़े के एक संत से उनकी मुलाकात होती है। उस संत ने उन्हें आध्यात्मिक मार्गदर्शन दिया और बाबा ने अखाड़े में दीक्षा ली। जूना अखाड़ा भारत का सबसे बड़ा और प्रतिष्ठित अखाड़ा है, जहां से कई साधु-संत आध्यात्मिक यात्रा पर निकलते हैं।

कुंभ में बनी पहचान
कुंभ मेले में इंजीनियर बाबा की अनूठी पहचान सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। उनका साधु वेश, लेकिन तकनीकी सोच और तर्कपूर्ण बातें लोगों को आकर्षित कर रही थीं। उन्होंने बताया कि कैसे विज्ञान और अध्यात्म एक-दूसरे के पूरक हैं। बाबा का मानना है कि आधुनिक विज्ञान और सनातन धर्म की विचारधारा में गहरा संबंध है।

समाज को संदेश
इंजीनियर बाबा का कहना है कि भौतिक सफलता जरूरी है, लेकिन मानसिक शांति और आत्मिक संतोष उससे भी महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे केवल पैसे कमाने में न उलझें, बल्कि आत्म-चिंतन करें और जीवन का गहराई से मूल्यांकन करें।

इंजीनियर बाबा की कहानी न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह भी दिखाती है कि जीवन में किसी भी मोड़ पर बदलाव संभव है। उनका सफर यह सिखाता है कि समाज चाहे कुछ भी कहे, अगर मन की आवाज सुनी जाए तो जीवन में असली शांति मिल सकती है।

 

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