प्रयागराज महाकुंभ में संघ की सतर्कता: 16,000 कार्यकर्ताओं की तैनाती

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 3 फरवरी।
प्रयागराज महाकुंभ 2025 की तैयारियाँ जोरों पर हैं, और इस विशाल आयोजन के सफल संचालन के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। संघ ने महाकुंभ में यातायात, सहायता और राहत सेवाओं को सुनिश्चित करने के लिए 16,000 स्वयंसेवकों (कार्यकर्ताओं) को तैनात किया है।

संघ की व्यापक तैयारी

RSS के वरिष्ठ पदाधिकारियों के अनुसार, संघ की योजना यह सुनिश्चित करने की है कि श्रद्धालु किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करें। कुम्भ क्षेत्र में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा का ध्यान रखते हुए स्वयंसेवकों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। संघ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हम पूरी तरह सतर्क हैं और हमारी टीमें 24 घंटे सेवा में जुटी हुई हैं।”

यातायात प्रबंधन में सहयोग

प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान यातायात की समस्या हमेशा एक बड़ी चुनौती रहती है। संघ के कार्यकर्ता पुलिस और प्रशासन के साथ मिलकर वाहनों के सुचारू संचालन में मदद कर रहे हैं। पार्किंग स्थलों, प्रमुख सड़कों और घाटों के पास स्वयंसेवक तैनात किए गए हैं, जो भीड़ नियंत्रण और मार्गदर्शन का कार्य कर रहे हैं।

श्रद्धालुओं के लिए सहायता केंद्र

संघ ने घाटों और प्रमुख तीर्थ स्थलों पर सहायता केंद्र स्थापित किए हैं, जहाँ जरूरतमंदों को भोजन, पानी और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इसके अलावा, खोए हुए लोगों को उनके परिवार से मिलाने के लिए संघ की टीमें सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं।

आपातकालीन राहत कार्य

संघ ने आपातकालीन परिस्थितियों के लिए विशेष राहत दल भी तैयार किए हैं। दुर्घटनाओं, भगदड़, अथवा किसी अन्य आपदा की स्थिति में राहत कार्यों को अंजाम देने के लिए कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया है।

समाजसेवा की भावना

RSS हमेशा से ही आपदा और बड़े आयोजनों के दौरान सामाजिक सेवा में अग्रणी रहा है। महाकुंभ जैसे विराट आयोजन में संघ की भागीदारी यह दर्शाती है कि राष्ट्र सेवा और जनकल्याण संघ के मूल सिद्धांतों में शामिल है।

निष्कर्ष

प्रयागराज महाकुंभ में RSS के 16,000 कार्यकर्ताओं की तैनाती से यह स्पष्ट है कि संघ श्रद्धालुओं की सेवा और व्यवस्था को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है। संघ की सतर्कता और समर्पण से निश्चित रूप से महाकुंभ का आयोजन सुचारू रूप से संपन्न होगा, जिससे श्रद्धालु अपने आध्यात्मिक अनुभव को बिना किसी परेशानी के पूरा कर सकेंगे।

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