सुप्रीम कोर्ट की मीडिया को चेतावनी: बयान या समाचार प्रकाशित करने से पहले बरतें अत्यधिक सावधानी

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,21 फरवरी।
सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया की भूमिका को अत्यधिक प्रभावशाली बताते हुए पत्रकारों और समाचार संगठनों को अत्यधिक सतर्कता और जिम्मेदारी बरतने की सलाह दी है। जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस आर. महादेवन की पीठ ने यह टिप्पणी की, जिसमें उन्होंने कहा कि मीडिया की शक्ति जनता की सोच को प्रभावित करने और धारणाओं को बदलने में सक्षम है।

“कलम तलवार से अधिक शक्तिशाली है” – इस प्रसिद्ध कथन का हवाला देते हुए, अदालत ने कहा कि स्वतंत्र अभिव्यक्ति का अधिकार महत्वपूर्ण है, लेकिन मीडिया को अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए संतुलित और निष्पक्ष पत्रकारिता करनी चाहिए।

मानहानि मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला

यह टिप्पणी उस समय आई जब सुप्रीम कोर्ट ने एक अंग्रेजी समाचार पत्र के संपादकीय निदेशक और अन्य पत्रकारों के खिलाफ दायर मानहानि मामले को खारिज किया। इन पत्रकारों पर आरोप था कि उन्होंने Bid & Hammer – Fine Art Auctioneers द्वारा आयोजित नीलामी में कुछ पेंटिंग्स की प्रामाणिकता पर संदेह व्यक्त करते हुए एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी।

मीडिया की व्यापक पहुंच और प्रभाव

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मीडिया रिपोर्टिंग का व्यापक प्रभाव होता है, जिससे लाखों लोगों की धारणाएँ और निर्णय प्रभावित हो सकते हैं। एक गलत या बिना जांच-पड़ताल की गई खबर किसी की प्रतिष्ठा को गंभीर रूप से नुकसान पहुँचा सकती है और दीर्घकालिक परिणाम हो सकते हैं। इसलिए, समाचार प्रकाशन की प्रक्रिया को सद्भावना और जनहित में किया जाना चाहिए।

कर्नाटक हाईकोर्ट ने पहले ही याचिका खारिज की थी

इस मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट ने पहले ही पत्रकारों द्वारा आपराधिक कार्यवाही को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया था। इसके बाद, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

पत्रकारों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 499 (मानहानि) और 500 (मानहानि के लिए दंड) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

आरोप क्या थे?
शिकायतकर्ता, जो कि एक कला नीलामी घर था, ने आरोप लगाया कि पत्रकारों द्वारा प्रकाशित सामग्री जनता के मन में संदेह पैदा करने वाली थी और इस कारण उनके नीलामी घर की विश्वसनीयता पर असर पड़ा।

निष्कर्ष

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि मीडिया को स्वतंत्रता का पूरा अधिकार है, लेकिन उसे अपनी शक्ति का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। बिना प्रमाणित जानकारी के किसी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचाने वाली खबरें प्रकाशित करना पत्रकारिता की नैतिकता के खिलाफ है।

यह फैसला उन सभी मीडिया संस्थानों के लिए एक सख्त चेतावनी है कि वे खबरों को प्रकाशित करने से पहले पूरी जांच-पड़ताल करें और निष्पक्ष एवं जिम्मेदार पत्रकारिता का पालन करें।

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