समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,22 फरवरी। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली स्थित गुजरात भवन में गुजरात के डांग जिले के संतोकबा ढोलकिया विद्या मंदिर के ग्रामीण एवं आदिवासी समाज के छात्र-छात्राओं के साथ एक प्रेरक संवाद किया। यह कार्यक्रम आदिवासी युवाओं को प्रेरित करने और उन्हें शिक्षा एवं करियर संबंधी मार्गदर्शन देने के लिए आयोजित किया गया था। इस अवसर पर श्री शाह ने शिक्षा, युवा सशक्तिकरण और राष्ट्रीय विकास में छात्रों की भूमिका पर अपने विचार रखे।
आदिवासी समाज के उत्थान पर मोदी सरकार का ध्यान
गृह मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि जनजातीय समाज का उत्थान एवं सशक्तिकरण मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आदिवासी समाज को दिए गए सम्मान और विकास के अवसरों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि चाहे जनजातीय गौरव दिवस मनाना हो या श्रीमती द्रौपदी मुर्मु को देश का राष्ट्रपति बनाना, ये सभी कदम आदिवासी समाज को सशक्त बनाने की दिशा में ऐतिहासिक पहल हैं।
एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों की स्थापना
श्री शाह ने बताया कि मोदी सरकार 50% से अधिक जनजातीय आबादी वाले और कम से कम 20,000 आदिवासी व्यक्तियों वाले प्रत्येक ब्लॉक में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय शुरू कर रही है। इसका उद्देश्य आदिवासी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और आधुनिक सुविधाओं से जोड़ना है, ताकि वे अपने समुदाय और देश के विकास में योगदान दे सकें।
आदिवासी शिक्षा में भाषा की बाधा दूर करने की पहल
गृह मंत्री ने कहा कि चिकित्सा, इंजीनियरिंग और तकनीकी शिक्षा में आदिवासी छात्रों के लिए भाषा एक प्रमुख बाधा रही है। इसे देखते हुए मोदी सरकार ने अब छात्रों को अपनी मातृभाषा में परीक्षा देने का विकल्प प्रदान किया है। इससे आदिवासी छात्र अपनी शिक्षा को अधिक प्रभावी ढंग से प्राप्त कर सकेंगे और बेहतर करियर के अवसर हासिल कर पाएंगे।
आदिवासी विश्वविद्यालयों की संख्या में वृद्धि
श्री शाह ने कहा कि आजादी के बाद के 60 वर्षों तक देश में केवल एक केंद्रीय आदिवासी विश्वविद्यालय था। लेकिन मोदी सरकार ने सिर्फ एक दशक में दो नए आदिवासी विश्वविद्यालयों की स्थापना की है, जिससे जनजातीय छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए अधिक अवसर उपलब्ध हुए हैं।
छात्रों को राष्ट्रीय विकास में योगदान देने का आह्वान
अमित शाह ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि वे डॉक्टर, इंजीनियर, सिविल सेवक और अन्य क्षेत्रों में आगे बढ़कर देश के विकास में योगदान दें। उन्होंने यह भी कहा कि यदि युवा देश के विकास को अपना लक्ष्य बनाएंगे, तो उनका व्यक्तिगत विकास भी स्वाभाविक रूप से सुनिश्चित होगा।
छात्रों के साथ विचार-विमर्श और मार्गदर्शन
कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने शिक्षा और करियर से जुड़े अपने विचार साझा किए, जिनका गृह मंत्री ने उत्तर देते हुए मेहनत, समर्पण और दृढ़ संकल्प के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने छात्रों को प्रोत्साहित किया कि वे परिश्रम और ईमानदारी के साथ अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ें, क्योंकि उनकी सफलता ही भारत को विश्व में अग्रणी बनाने में सहायक होगी।
निष्कर्ष
यह संवाद केवल एक कार्यक्रम भर नहीं था, बल्कि यह आदिवासी युवाओं के भविष्य को संवारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। श्री अमित शाह द्वारा छात्रों को दिए गए मार्गदर्शन से यह स्पष्ट है कि मोदी सरकार आदिवासी समाज की शिक्षा और सशक्तिकरण को लेकर गंभीर और प्रतिबद्ध है। यह पहल निश्चित रूप से आदिवासी युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें भारत की मुख्यधारा में सशक्त भूमिका निभाने का अवसर देगी।