रूस-यूक्रेन युद्ध के लिए ट्रंप ने ठहराया बाइडेन और जेलेंस्की को ज़िम्मेदार

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

वॉशिंगटन, 15 अप्रैल– अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर विवादास्पद बयान दिया है। ट्रंप ने इस संघर्ष के लिए सीधे तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की को ज़िम्मेदार ठहराया है।

एक चुनावी रैली में बोलते हुए ट्रंप ने कहा कि अगर वे राष्ट्रपति होते, तो यह युद्ध कभी शुरू नहीं होता। उन्होंने दावा किया कि बाइडेन की “कमजोर विदेश नीति” और जेलेंस्की की “अहंकारी रणनीति” ने रूस को हमले के लिए उकसाया।

“रूस-यूक्रेन युद्ध कभी नहीं होता अगर मैं राष्ट्रपति होता। पुतिन ने मुझसे डर रखा था,” ट्रंप ने भीड़ से कहा। “लेकिन बाइडेन और जेलेंस्की ने हालात ऐसे बना दिए कि पुतिन को हमला करना आसान लगा। ये इन दोनों की विफलता है।”

ट्रंप ने यह भी आरोप लगाया कि बाइडेन प्रशासन ने युद्ध को रोकने के बजाय उसमें पैसा और हथियार झोंककर उसे और बढ़ावा दिया।

व्हाइट हाउस की ओर से ट्रंप के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया आई है। प्रवक्ता ने कहा कि “यह बयान न केवल तथ्यात्मक रूप से गलत है, बल्कि यूक्रेन की संप्रभुता और संघर्ष कर रहे लोगों के लिए अपमानजनक भी है।”

यूक्रेनी सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “हमारे देश पर हमला हुआ है, और ट्रंप जैसे नेता अगर हम पर ही दोष मढ़ते हैं, तो यह न सिर्फ असंवेदनशीलता है, बल्कि ऐतिहासिक तथ्यों की भी अनदेखी है।”

विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप का यह बयान 2024 में होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के मद्देनज़र दिया गया है, ताकि वे बाइडेन की विदेश नीति को कमजोर साबित कर सकें।

हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने पुतिन के प्रति नरमी दिखाई हो। अपने कार्यकाल में भी उन्होंने कई बार रूस के प्रति सहानुभूति जताई थी, जिससे उनकी विदेश नीति की आलोचना होती रही है।

डोनाल्ड ट्रंप के इस ताजा बयान ने एक बार फिर अमेरिकी राजनीति में गर्माहट ला दी है। जहां एक ओर वे बाइडेन प्रशासन को घेरने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं आलोचकों का कहना है कि ऐसे बयान अंतरराष्ट्रीय मामलों में अमेरिका की भूमिका को कमजोर कर सकते हैं।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.