भारत और तकनीकी नेतृत्व की नई राह: “संभावना”

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,16 अप्रैल।
नई दिल्ली में 10 से 12 अप्रैल 2025 तक विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित 9वां कार्नेगी इंडिया ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट (GTS) न केवल एक तकनीकी आयोजन था, बल्कि यह उस भविष्य की झलक भी थी, जिसमें भारत वैश्विक तकनीकी मानचित्र पर मजबूती से अपनी जगह बना रहा है। इस बार का विषय था “संभावना”—और यह शब्द ही उस ऊर्जा, आत्मविश्वास और दिशा को दर्शाता है, जो भारत की तकनीकी यात्रा में परिलक्षित हो रहा है।

इस समिट में 19 देशों के 170 से अधिक प्रतिनिधि जुटे—नीति-निर्माता, वैज्ञानिक, उद्योगपति और विचारक। विषय थे डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI), आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), तकनीकी सहयोग और सुरक्षा। लेकिन इन चर्चाओं के केंद्र में था—मानव। कैसे तकनीक मानव जीवन को बेहतर बना सकती है, और कैसे समाज का हर वर्ग इसके लाभ से जुड़ सके, यह प्रमुख चिंता रही।

भारत की तकनीकी उत्पादकता ने पिछले कुछ वर्षों में चौंकाने वाली प्रगति की है। 2024-25 में भारत का स्मार्टफोन निर्यात $23 बिलियन को पार कर गया, जिसमें से अकेले Apple iPhones का हिस्सा $17 बिलियन रहा। यह बदलाव कोई संयोग नहीं, बल्कि सरकार की PLI योजना, स्थानीय निर्माण पर ज़ोर और तकनीकी निवेशों की एक साफ़ नीति का परिणाम है।

आज भारत मोबाइल निर्माण में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश बन चुका है। सिर्फ यही नहीं, भारत अब क्वांटम टेक्नोलॉजी, 6G नेटवर्क, और सेमिकंडक्टर उत्पादन के क्षेत्र में भी अग्रणी बनने की दिशा में बढ़ रहा है।

तकनीकी नवाचारों के इन कदमों का अंतरराष्ट्रीय मान्यता भी मिल रही है। ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स 2024 में भारत को 39वां स्थान मिला है—जबकि 2015 में यह रैंक 81वीं थी। दक्षिण एशिया और निम्न-मध्यम आय वर्ग के देशों में भारत पहले स्थान पर है। भारत के शहर—मुंबई, बेंगलुरु, दिल्ली, चेन्नई—अब विश्व के शीर्ष वैज्ञानिक-प्रौद्योगिकी केंद्रों में गिने जाते हैं।

कार्नेगी समिट की सबसे खास बात यह थी कि यहां तकनीक को इंसान से जोड़ा गया। तकनीक केवल मशीनों की भाषा नहीं, बल्कि समानता, पारदर्शिता और विकास का माध्यम भी है—यह संदेश साफ़ तौर पर उभरा।

इस आयोजन ने दिखा दिया कि भारत अब तकनीक का केवल उपभोक्ता नहीं, बल्कि निर्माता और नीति-निर्धारक भी है। आने वाले वर्षों में भारत की भूमिका न केवल एशिया, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक टेक्नोलॉजी लीडर के रूप में तय मानी जा रही है।

“संभावना” अब केवल एक विचार नहीं—भारत की वास्तविकता बन चुकी है।

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