टूलकिट मामला: दिल्ली पुलिस, निकिता जैकब और शांतनु के खिलाफ जारी किया गैर-जमानती वारंट
चार दिन पहले स्पेशल सेल की टीम निकिता (वकील ) के घर गई थी, निकिता के इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की जांच की गई। उस वक्त शाम हो गई थी इसलिए निकिता से पूछताछ नहीं की गई। टीम ने कहा कि वो कल फिर आएंगे लेकिन जब अगले दिन स्पेशल सेल की टीम निकिता के यहां पहुंची वो गायब मिली।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,15फरवरी।
किसान आंदोलन के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन को लेकर ‘टूलकिट’ मामले में दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद अब दिल्ली पुलिस निकिता जैकब और शांतनु की तलाश कर रही है। दिल्ली पुलिस ने निकिता जैकब और शांतनु के खिलाफ गैरजमानती वारंट भी जारी किया है।
दिल्ली पुलिस ने बताया कि चार दिन पहले स्पेशल सेल की टीम निकिता के घर गई थी, उसके इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की जांच की गई। उस वक्त शाम हो गई थी इसलिए निकिता से पूछताछ नहीं की गई। टीम ने कहा कि वो कल फिर आएंगे लेकिन जब अगले दिन स्पेशल सेल की टीम निकिता के यहां पहुंची वो गायब मिली। निकिता पेशे से वकील हैं।
बता दें कि ‘टूलकिट’ में ट्विटर के जरिए किसी अभियान को ट्रैंड कराने से संबंधित दिशा-निर्देश और सामग्री होती है।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक निकिता जैकब पहले भी पर्यावरण से जुड़े मुद्दे उठाती रहीं हैं। ‘पोएट फॉर जस्टिस’ के एमओ धालीवाल ने अपने कनाडा में रह रहे सहयोगी पुनीत के जरिए निकिता जैकब से संपर्क किया था।
पुलिस ने बताया कि गणतंत्र दिवस के पहले एक जूम मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग में एमओ धालीवाल, निकिता और दिशा के अलावा अन्य लोग भी शामिल हुए थे। एमओ धालीवाल ने कहा था कि मुद्दे को बड़ा बनाना है। इनका मकसद ये था कि किसानों के बीच असंतोष और गलत जानकारी फैलाना है।
पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि 26 जनवरी की हिंसा के बाद अंतरराष्ट्रीय सेलिब्रिटी और एक्टिविस्ट से संपर्क किया गया था, चूंकि दिशा रवि ग्रेटा को जानती थीं, इसलिए उसकी मदद ली गई। इससे पहले दिशा रवि को दिल्ली पुलिस की साइबर सैल की एक टीम ने शनिवार को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद उसे रविवार को 5 दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा गया।