परीक्षा और लोकसभा चुनाव से अधर में किक्रेट महाकुंभ आईपीएल / नयी दिल्ली
दुनिया भर में 20-20 ओवरों वाले सबसे छोटे फार्मेट वाले क्रिकेट के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय महाकुंभ आईपीएल 2019 का आयोजन पर धर्मसंकट के बादल मंडरा रहे हैं। एक तरफ़ दसवीं और बारहवीं कक्षा के बोर्ड सहित अलग अलग राज्यों के स्कूली बोर्ड परीक्षाओं का मौसम है। जिसमें लाखों स्टूडेंट्स परीक्षा में शामिल होंगे। तो दूसरी तरफ़ लोकसभा आम चुनाव 2019 सिर पर है। परीक्षा और चुनाव के संभावित तिथियों की संभावना को लेकर बीसीसीआई और आईपीएल प्रबंधन अधर में है। करीब पांच हजार करोड़ रुपए के इस आयोजक प्रयोजक समेत करीब 60 मैचों के रोमांच को लेकर अरबों किक्रेट प्रेमी भी 2019 के आईपीएल को लेकर सशंकित हैं, तो आईपीएल आयोजक भी आईपीएल के विकल्पों को लेकर माथापच्ची कर रहे हैं। आमतौर पर आईपीएल का आयोजन अप्रैल और मई माह में ही होता है। हालांकि बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियों को लेकर उठने वाली आवाज भी कम हो गयी हैj क्योंकि तब तक परीक्षाएं खत्म हो जाती है। मगर उस बार मामला लोकसभा चुनाव का है। जो अप्रैल और मई में ही संभव है। चुनाव आयोग चुनाव की तारीखों की घोषणा कब करेगी, यह केवल चुनाव आयोग ही तय करके घोषणा करेगी। चुनावी तारीखों को लेकर चुनाव आयोग पर कोई दवाब भी नहीं है। चुनाव की संभावित तारीखों की घोषणा के साथ ही आचार संहिता लागू होता है। यानी चुनाव और आईपीएल के डेट टकरा रहे हैं। चुनाव के बाद भी आईपीएल कराके सारी समस्याओं से निजात संभव था, मगर जून में 20-20 विश्वकप के चलते आईपीएल को आगे सरकाया नही जा सकता। आईपीएल को 15 मार्च के आसपास में आरंभ करने का विकल्प तो है, मगर मार्च माह में कई देशों के बीच आयोजित टेस्ट मैच के दौरान बहुत से अनुबंधित खिलाड़ियों के कई टीमों में शामिल नहीं होने से टीम संयोजन और संतुलन पर अंतर पड़ सकता है।: बीसीसीआई आईपीएल के डेट को लेकर एक साथ कई दूसरे उपायों पर विचार कर रही है। पहला सुरक्षित विकल्प कुछ खइ[ नियम कानून में ढील देकर मार्च अप्रैल माह में ही इसे संभव करने का है। दूसरे विकल्प के तौर पर बड़े शहरों की ओर न जाकर छोटे छोटे शहरों में यदा कदा होने वाले मैचों वाले रांची रायपुर कोच्चि लखनऊ धर्मशाला राजकोट पटना आदि कम मैच या कभी नहीं मैच होने वाले शहरों को ही मैच स्थल बनाया जा सके। जहां पर मैच को लेकर भीड़ का उमंग टिकट बिक्री में बाधक नहीं बनेगी। एक विकल्प पूरे आयोजन को ही पहले की तरह दक्षिण अफ्रीका या किसी और देश में कराने की हो सकती है। मगर इसके लिए प्रायोजकों को भारी नुक़सान की आशंका है। इससे एडवरटाइजिंग एजेंसियों से अधिक एड की उम्मीद नहीं है। एक और विकल्प के रूप में कुछ मैच भारत और कुछ मैच बांग्लादेश दुबई और श्री लंका में कराया जा सके।मगर इस रास्ते में ढेरों झोल है, जिसे सुलझाना इतना सरस नही है। आईपीएल मैचों को बाहर कराने की दशा में बीसीसीआई को लाभ से अधिक नुकसान होगा। लिहाजा आयोजन को लेकर धर्मसंकट कायम है।