समग्र समाचार सेवा
चमोली, 23 मई। कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए चौतरफा प्रयास जारी हैं। चमोली जिले में जहां एक ओर वैक्सीनेशन का काम लगातार जारी है वही दूसरी तरफ 10 साल से अधिक उम्र के नागरिकों को संक्रमण से बचाने लिए घर-घर आइरवमेक्टिन दवा का वितरण भी शुरू हो चुका है। इस टैबलेट से लोगों में कोरोना से लड़ने की क्षमता बढेगी और वायरस का खतरा कम होगा।
चमोली जिला प्रशासन द्वारा तहसील एवं ब्लाकों के माध्यम से सभी बीएलओ को आइवरमेक्टिन दवा उपलब्ध कराई गई है और बीएलओ के माध्यम से प्रत्येक घर तक दवा पहुॅचाने का काम रविवार से शुरू कर दिया गया है। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि राज्य स्तरीय क्लीनिकल तकनीकी समिति की संस्तुति के बाद संक्रमण के प्रभाव को नियंत्रित करने और इसके गंभीर रूप लेने से पहले हर परिवार में 10 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिकों के लिए तीन दिनों के लिए आइवरमेक्टिन दवा दी जा रही है। जिसमें 10 से 15 वर्ष के बच्चों को तीन दिनों के 3 गोली तथा वयस्क एवं 15 से ऊपर के नागरिकों के लिए 6 गोली शामिल है। गर्भवती महिलाएं, स्तनपान कराने वाली महिलाए, लीवर संबधी रोगी तथा 2 वर्ष से छोटे बच्चों को यह दवा नही दी जाएगी। जबकि 2 से 10 वर्ष तक के बच्चों को डॉक्टरी सलाह पर ही दी जा सकती है। जिन लोगों ने आइवरमेक्टिन की गोली पहले ली हो तो चिकित्सक की सलाह से ही दुबारा ली जा सकती है।
आइवरमेक्टिन टैबलेट को घर-घर पहुॅचाने के लिए वृहद स्तर पर तैयार कार्ययोजना के तहत बीएलओ के माध्यम से सुनियोजित तरीके से इसका वितरण शुरू कर दिया गया है। इससे पूर्व आशा एवं स्वास्थ्य टीमों के द्वारा गांव गांव में सैंपल लेने के दौरान आइवरमेक्टिन दवा दी जा रही थी लेकिन अब इसका वितरण बीएलओ के माध्यम से कराया जा रहा है ताकि समय पर आसानी से हर नागरिक तक यह दवा पहुंचायी जा सके।