समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 21जून। आज 21 जून को हिंदू पंचांग के अनुसार सोमवार है. सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित माना जाता है. सोमवार यानी भगवान शिव का दिन और सोम यानी चंद्रमा का दिन. तो इस दिन सुबह उठकर आप भगवान शिव के दर्शन कर शिव चालीसा या शिवाष्टक का पाठ कर सकते हैं. इससे भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं और आपकी समस्याएं अपने आप हल होती जाती हैं। निर्जला एकादशी व्रत को सभी एकादशियों में सबसे कठिन माना गया है. इस एकादशी व्रत को भीमसेन ने भी रखा था. इसलिए निर्जला एकादशी को भीमसेनी एकादशी भी कहते हैं।
निर्जला एकादशी व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि प्रारम्भ – जून 20, 2021 को शाम 04:21 बजे
एकादशी तिथि समाप्त – जून 21, 2021 को दोपहर बाद 01:31 बजे
पारण (व्रत तोड़ने का) समय – 22 जून को, सुबह 05:24 बजे से 08:12 बजे तक
निर्जला एकादशी व्रत का नियम
पंचांग के अनुसार निर्जला एकादशी व्रत 21 जून दिन सोमवार को है. जो लोग निर्जला एकादशी का व्रत रख रहें हैं. उन्हें व्रत के एक दिन पूर्व ही यानी 22 जून को चावल नहीं खाना चाहिए. व्रत के दिन सुबह से व्रत का संकल्प लेने के साथ से पारण के समय तक एक भी बूंद जल ग्रहण नहीं करना चाहिए. व्रतधारी को पारण के बाद ब्राह्मण को भोजन कराने के बाद ही स्वयं को भोजन करना चाहिए।