सीएम ममता बनर्जी ने पेगासस विवाद की जांच के लिए गठित किया पैनल, भतीजे अभिषेक बनर्जी का भी नाम शामिल

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समग्र समाचार सेवा
कोलकाता, 26जुलाई।पेगासस फोन हैकिंग मामले की पड़ताल के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दो सदस्यीय जांच आयोग गठित किया है। इस जांच आयोग में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज शामिल होंगे। बता दें कि सीएम ममता ने यह फैसला उस समय लिया है जब उनके भतीजे और टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी का नाम भी उन संभावितों की सूची में आया है, जिनका फोन पेगासस स्पाइवेयर से हैक किया गया हो।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, पेगासस के माध्यम से, न्यायपालिका और नागरिक समाज सहित सभी को निगरानी में रखा गया है। हमें उम्मीद थी कि संसद के दौरान केंद्र सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच करेगा, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। पश्चिम बंगाल जांच आयोग शुरू करने वाला पहला राज्य है।
सीएम ममता बनर्जी ने कहा, वरिष्ठ न्यायाधीश मदन भीमराव लोकुर और कोलकाता हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश ज्योतिर्मय भट्टाचार्य के नेतृत्व में, हमने आयोग की शुरुआत की है. जांच में वे अवैध हैकिंग, निगरानी, मोबाइल फोन की रिकॉर्डिंग आदि की निगरानी करेंगे।

दो सदस्यीय आयोग की अध्यक्षता कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश ज्योतिर्मय भट्टाचार्य करेंगे. उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश मदन भीमराव लोकुर इसके दूसरे सदस्य हैं।

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में सोमवार को मंत्रिमंडल की विशेष बैठक में पैनल गठित करने का फैसला किया गया, जिसके सदस्य सेवानिवृत्त न्यायाधीश होंगे। सीएम बनर्जी ने दिल्‍ली जाने से पहले यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ”हमें लगा था कि फोन हैक किए जाने की जांच के लिए केंद्र कोई जांच आयोग गठित करेगा या अदालत की निगरानी में जांच का आदेश दिया जाएगा, लेकिन सरकार कुछ नहीं कर रही… इसलिए हमने इस मामले की पड़ताल के लिए जांच आयोग गठित करने का फैसला किया है।.

मुख्यमंत्री ने कहा, ”पेगासस के जरिए जिन लोगों का निशाना बनाया गया है, उनमें पश्चिम बंगाल के लोगों के भी नाम सामने आए हैं. केंद्र सबकी जासूसी करने की कोशिश कर रहा है. आयोग अवैध रूप से फोन हैक करने के मामले की पूरी जानकारी का पता लगाएगा।”

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