अनंत चतुर्दशी के दिन इस शुभ मुहूर्त पर ही करें गणपति का विसर्जन

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 17सितंबर। शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनन्त चतुर्दशी है। इस दिन भगवान विष्णु के अनन्त रूप की पूजा हेतु सबसे महत्वपूर्ण दिन माना गया है। इस दिन भगवान विष्णु के भक्त पुरे दिन का उपवास रखते हैं और पूजा के दौरान पवित्र धागा बाँधते हैं। इस व्रत को करने से व्यक्ति को अनेकों गुना ज्यादा शुभ फलों की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि लगातार 14 वर्षों तक यह व्रत करने से व्यक्ति को विष्णु लोक की प्राप्ति होती है। इस साल अनंत चतुर्दशी 19 सितंबर 2021 को मनाई जाएगी।

अनन्त चतुर्दशी शुभ मुहूर्त 2021
अनन्त चतुर्दशी रविवार, सितम्बर 19, 2021 को
अनन्त चतुर्दशी पूजा मुहूर्त – 06:08 ए एम से 05:28 ए एम, सितम्बर 20
अवधि – 23 घण्टे 20 मिनट्स
चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ – सितम्बर 19, 2021 को 05:59 ए एम बजे
चतुर्दशी तिथि समाप्त – सितम्बर 20, 2021 को 05:28 ए एम बजे

इस दिन गणपति का विसर्जन की पौराणिक कथा
गणेश चतुर्थी के दिन स्थापित किए घए गणेश जी का विसर्जन अनंत चतुर्दशी के दिन किया जाता है इसके पीछे एक पौराणिक कथा है। जिस दिन वेद व्‍यासजी ने महाभारत लिखने के लिए गणेशजी को की कथा सुनानी शुरू की थी उस दिन भाद्रशुक्ल चतुर्थी तिथि थी। कथा सुनाते समय वेदव्‍यासजी ने आंखें बंद कर ली और गणेशजी को लगातार 10 दिनों तक कथा सुनाते रहे और गणेशजी लिखते रहे। 10 वें दिन जब वेदव्‍यासजी ने आंखें खोली तो देखा कि एक जगह बैठकर लगातार लिखते-लिखते गणेशजी के शरीर का तापमान काफी बढ़ गया है। ऐसे में वेदव्यासजी ने गणपति को ठंडक प्रदान करने के लिए ठंडे पानी में डुबकी लगवाई। जहां पर वेदव्यासजी के कहने पर गणपति महाभारत लिख रहे थे वहां पास ही अलकनंदा और सरस्वती नदी का संगम है। जिस दिन सरस्वती और अलकनंदा के संगम में वेदव्यासजी को डुबकी लगवाई उस दिन अनंत चतुर्दशी का दिन था। यही वजह है कि चतुर्थी पर स्‍थापित होने के बाद गणेशजी का विसर्जन अंनत चतुर्दशी के दिन किया जाता है।

अनंत चतुर्दशी पूजा विधि
चतुर्दशी के दिन सुबह स्नान आदि के पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण करें और हाथ में जल लेकर अनंत चतुर्दशी व्रत एवं पूजा का संकल्प करें। इसके पश्चात पूजा स्थान को साफ कर लें। ए​क चौकी पर भगवान विष्णु की मूर्ति या कुश से बनी सात फणों वाली शेष स्वरुप भगवान अनन्त की मूर्ति स्थापित करें। अब मूर्ति के समक्ष अनंत सूत्र, जिसमें 14 गांठें लगी हों, उसे रखें। कच्चे सूत को हल्दी लगाकर अनंत सूत्र तैयार किया जाता है। अब आप आम पत्र, नैवेद्य, गंध, पुष्प, धूप, दीप आदि भगवान अनंत की पूजा करें। भगवान विष्णु को पंचामृत, पंजीरी, केला और मोदक प्रसाद में चढ़ाएं. पूजा के समय इस मंत्र को पढ़ें।

गणेश विसर्जन शुभ मुहूर्त
गणपति विसर्जन का दिन : 19 स‍ितंबर
सुबह – 07:39 से 12:14
दोपहर- 01:46 से 03:18 बजे तक
शाम – 06:21 से 10:46 बजे तक
रात – 01:43 से 03:11बजे तक (20 सितंबर)

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