*अवधेश सिंह
डब्ल्यूएचओ यूरोप के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. हंस हेनरी पी. क्लूज ने अपने 11 जनवरी के वक्तव्य में कहा था कि आज ओमिक्रॉन वेरिएंट नयी उछाल के साथ पूरे यूरोप के सभी देशों में व्यापक रूप से जिस तेज लहर के साथ बढ़ रहा है वह चौकने वाला है जबकि 2021 के अंतिम महीने में ये यूरोपीय देश डेल्टा वेरिएंट की ऊंचाई को रोकने का प्रयास ही कर रहे थे। इस बीच डब्लूएचओ द्वारा जारी आज 14 जनवरी की ताजा स्थित के अनुसार यूरोप में 115,467,381 और अमेरिका में 115,311,864 पुष्ट कोविड मामले हैं जबकि दक्षिण पूर्व एशिया में 46,578,130 कनफर्म मामले हैं । जबकि 134 करोड़ की आबादी वाले देश भारत में अकेले ही 36,317,927 पुष्ट मामले हैं यानि पूरे विश्व में कुल पुष्ट संक्रमितों का लगभग 12 [11.3 ] प्रतिशत, यह एक बड़ा भाग है जो भारत के लिए चिंता का विषय बन रहा है।
भारत में कोरोना की बढ़त देखें तो 1 जनवरी को 27553, 4 जनवरी को 58097, 6 जनवरी को 1.17 लाख , 8 जनवरी को 1.59 लाख , 12 जनवरी को 2.47 लाख नए मामले प्रतिदिन 24 घंटे बढ़े यानि 11 दिन में 600 प्रतिशत डेली केस बढ़े और सरकारी आंकड़ों के अनुसार आज 14 जनवरी को 1272073 एक्टिव केस हैं जिनसे संक्रमण का विस्तार हो सकता है । 24 घंटे की अवधि में सक्रिय COVID-19 में 1,54,542 मामलों की वृद्धि दर्ज की गई है। मंत्रालय के अनुसार, दैनिक पजिटिव रेट 14.78 प्रतिशत दर्ज की गई, जबकि साप्ताहिक पजिटिव रेट 11.83 प्रतिशत दर्ज की गई। जिससे लगता है कि अगले 10 दिनों में कोरोना संक्रमण पीक पर हो सकता है । हमें अस्पतालों की तेज समीक्षा करनी चाहिए ।
वैश्विक आपदा के रूप में कोरोनावायरस यानि (COVID-19) SARS-CoV-2 वायरस से अब दुनिया का कोई कोना अछूता नहीं रहा है । दुनिया भर में प्रति सेकेंड आंकड़ों को अपडेट कर रही विश्व विख्यात और विश्वस्त वेब पोर्टेल “वर्ल्डोमीटर” के पटल पर कोविड -19 के आंकड़ों के अनुसार आज 14 जनवरी शाम 6 बजे तक संसार में कोविड-19 के कुल 32 करोड़ [321,382,091] मामले दर्ज हुए हैं जिसमें 27.9 लाख की बढ़ोत्तरी पिछले 24 घंटे में हुई है यह आंकड़ा और भी चौकने वाला हो रहा है वह तब जबकि संक्रमण की तेज रफ्तार अभी रुकने वाली नहीं है । इसके विपरीत कुल ठीक हुए मामले 269,935,767 हैं जिसमें अस्पताल से छुट्टी लेकर स्वस्थ्य हुए 264,394,331 मामले हैं यानि 98% जबकि असमय मृत्यु को प्राप्त अभागों की संख्या 5,541,436 यानि 2% है । जिसका अर्थ हुआ कि अस्पताल में भर्ती 100 में 98 ठीक होकर घर वापस हुए हैं ।
हालांकि संसार में आज तक के अनुसार कुल सक्रिय संक्रमित मरीज 51,446,324 हैं जिसमें हल्के लक्षणो वाले कुल 51,350,363 हैं यानि 99.8% जबकि गंभीर संक्रमितों की संख्या 95,961 यानि मात्र 0.2% है । राहत की बात यह है कि आजकल जो अधिकांश लोग जो COVID-19 से बीमार पड़ते हैं, वे हल्के से मध्यम लक्षणों का अनुभव करते हैं और विशेष उपचार के बिना ठीक हो रहे हैं । हालांकि, कुछ गंभीर रूप से बीमार भी हो रहे हैं और उन्हें चिकित्सकीय ध्यान देने की आवश्यकता हो रही है । जिसके कारण अस्पतालों पर भारी दबाव है ।
उधर अमेरिका की स्थित और भी खराब है, सी.एन.एन के मुताबिक अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने बड़े व्यावसायिकता के उद्देश्य से दुर्पयोग की आशंका के चलते राष्ट्रपति बिडेन द्वारा आदेशित वृहत टीके या परीक्षण की आवश्यकता को अवरुद्ध कर दिया हालांकि इसमें कुछ छूट स्वास्थ्यकर्मी जिन्हे कोविड के राष्ट्रव्यापी प्रभाव से निपटने के लिए लगाया गया है उनको दी गयी है । इस पर यूएस सर्जन जनरल डॉ. विवेक मूर्ति ने बड़े व्यवसायों के लिए एक राष्ट्रव्यापी वैक्सीन और परीक्षण जनादेश को अवरुद्ध करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को “निराशाजनक” बताया। “एक डॉक्टर और एक सार्वजनिक स्वास्थ्य पेशेवर के रूप में आज की खबर निराशाजनक थी,” मूर्ति ने सीएनएन को बताया। “हम जानते हैं कि कार्यस्थलों में टीकों की आवश्यकताएं इस बात का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं कि हम कार्यस्थलों को श्रमिकों और ग्राहकों दोनों के लिए कैसे सुरक्षित रख सकते हैं।” मूर्ति ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अगले कुछ सप्ताह “चुनौतीपूर्ण” होंगे, इससे पहले कि राष्ट्र महामारी को अपने रियरव्यू मिरर में रखे। हम बड़ी संख्या में मामलों को देखना जारी रखेंगे। देश के कुछ हिस्सों में हमारे अस्पताल सिस्टम तनावपूर्ण हैं और यह जारी रहेगा।”
हालांकि अमेरिका में अभी कोविड-19 के कारण इस समय कोई भी स्कूल बंद नहीं है। कक्षाएं फिर से शुरू होने के बाद से स्कूल प्रणाली भी छात्रों को रैपिड टेस्ट दे रही है। कक्षा में कोविड 19 पाजिटिव मामले वाले छात्रों या शिक्षकों को एक घर पर रैपिड टेस्ट किट मिलेगी और पांच दिनों में दो परीक्षण होंगे। न्यूयॉर्क शहर के छात्रों में सैमपेल टेस्ट में कोविड -19 के लिए लगभग 7.6% पाजिटिव मामले मिले है। इधर नए निर्णय के अनुसार अमेरिका अस्पताल में भर्ती होना जारी रखे है, बिडेन ने घोषणा की कि उनका प्रशासन अतिरिक्त 500 मिलियन कोविड -19 टेस्ट किट खरीदेगा, अस्पतालों में चिकित्सा टीमों को नए अभियान के अंतर्गत सभी अमेरिकियों के लिए मुफ्त उच्च गुणवत्ता वाले फेस मास्क उपलब्ध कराएगा।
स्वास्थ्य केन्द्रों पर पड़ रहे भारी दबाव को देखते हुए अपने वक्तव्य में डब्ल्यूएचओ यूरोप के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. हंस हेनरी पी. क्लूज ने माना कि एक बार फिर, इस महामारी से निपटने का सबसे बड़ा बोझ हमारे स्वास्थ्य और देखभाल करने वाले कर्मचारियों और अन्य आवश्यक फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं पर है। वे वायरस के लिए उच्चतम जोखिम भी लेते हैं। स्वास्थ्य कार्यबल पर इस भारी बोझ वृद्धि को स्वीकार करते हुए, जैसा कि हम इस तीसरे महामारी वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं, मैं उनके मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण के लिए और अधिक समर्थन का आह्वान करता हूं। जिसके लिए उन्होने स्वास्थ्यकर्मियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के ऊपर एक निगरानी और तत्काल मदद के लिए विशेष प्रबंध तंत्र को स्थापित करने की सलाह भी दी ताकि समय रहते इन कोरोना के योद्धाओं को उनकी जरूरतों और चिंताओं पर सीधे ध्यान दिया जाए । ताकि वे देश के लिए फिट रहें ।
(*अवधेश सिंह,जाने माने कवि,लेखक और “पेड़ो की छांव तले रचना पाठ” संस्था के संस्थापक हैं.श्री सिंह भारतीय सूचना सेवा के रिटायर्ड अधिकारी हैं)