1 फरवरी को पेश होगा देश का आम बजट, आम जनता को सरकार से काफी उम्मीदें

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 25 जनवरी। 1 फरवरी को मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल का दूसरा आम बजट पेश करने जा रही है। सरकार के इस बजट पर मध्यमवर्गीय लोग काफी आश लगाए बैठें हैं। बजट से पहले आर्थिक सर्वेक्षण 31 जनवरी को आएगा। आज हम आपको कुछ खास शब्दों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका उपयोग बजट भाषण में होता और इनमें से ज्यादातर का मतलब लोगों को स्पष्ट नहीं होता।

विनिवेश क्या होता है?

अगर सरकार किसी पब्लिक सेक्टर कंपनी में अपनी हिस्सेदारी को निजी क्षेत्र में बेच देती है, तो उसे विनिवेश कहा जाता है। सरकार द्वारा यह हिस्सेदारी शेयरों के जरिए बेची जाती है। यह हिस्सेदारी किसी एक व्यक्ति या फिर किसी निजी कंपनी को बेची जा सकती है।

सरकार ऐसे जुटाती है पैसा

जब केंद्र सरकार के पास पैसों की कमी हो जाती है, तो वो बाजार से पैसा जुटाने के लिए बांड जारी करती है। यह एक तरह का कर्ज होता है, जिसकी अदायगी पैसा मिलने बाद सरकार द्वारा एक तय समय के अंदर की जाती है। बांड को कर्ज का सर्टिफिकेट भी कहते हैं।

कर किसे कहते हैं और ये कैसे लगता है

जब किसी दूसरे देश से भारत में सामान आता है तो उस पर जो कर लगता है, उसे कस्टम ड्यूटी कहते हैं। इसे सीमा शुल्क भी कहा जाता है। जैसे ही समुद्र या हवा के रास्ते भारत में सामान उतारा जाता है तो उस पर यह शुल्क लगता है ।

राजकोषीय घाटा क्या होता है?

सरकार की ओर से लिया जाने वाला अतिरिक्त कर्ज राजकोषीय घाटा कहलाता है। देखा जाए तो राजकोषीय घाटा घरेलू कर्ज पर बढ़ने वाला अतिरिक्त बोझ ही है। इससे सरकार आय और खर्च के अंतर को दूर करती है।

प्रत्यक्ष कर क्या होता है?

प्रत्यक्ष कर वह कर होता है, जो व्यक्तियों और संगठनों की आमदनी पर लगाया जाता है, चाहे वह आमदनी किसी भी स्रोत से हुई हो। निवेश, वेतन, ब्याज, आयकर, कॉर्पोरेट टैक्स आदि प्रत्यक्ष कर के तहत ही आते हैं।

जीडीपी को कुछ इस तरह से समझिए

सकल घरेलू उत्पाद अर्थात जीडीपी एक वित्त वर्ष के दौरान देश के भीतर कुल वस्तुओं के उत्पादन और देश में दी जाने वाली सेवाओं का टोटल होता है। इस शब्द के ऊपर भी बजट में सबसे ज्यादा जोर रहता है।

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