दुश्मन’ के कार्यक्रम में पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के विवादित बोल, कहा-भारत में बढ़ी असहिष्णुता
‘समग्र समाचार सेवा
वॉशिंगटन, 27 जनवरी। भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का एक और बयान विवादों में आ गया है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़ी संस्था के एक कार्यक्रम में हामिद अंसारी ने भारत के लोकतंत्र की आलोचना की और चेतावनी दी है कि देश अपने संवैधानिक मूल्यों से दूर जा रहा है। हामिद अंसारी ने गणतंत्र दिवस पर इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल की ओर से आयोजित एक वर्चुअल कार्यक्रम में यह विवादित बयान दिया। उन्होंने हिंदू राष्ट्रवाद के उभार को लेकर चिंता जताई।
और क्या कुछ कहा अंसारी ने
हामिद अंसारी ने कहा, ‘हाल के वर्षों में हमने ऐसे ट्रेंड्स का उभार और वैसे व्यवहार देखे हैं जो पहले से स्थापित नागरिक राष्ट्रवाद के खिलाफ हैं और ये सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की काल्पनिक व्यवस्था को लागू करते हैं।’ अंसारी ने यह भी दावा किया, ‘यह वर्तमान चुनावी बहुमत को धार्मिक बहुमत के रूप में पेश करते हैं और राजनीतिक शक्ति पर एकाधिकार करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग चाहते हैं कि नागरिकों को उनकी आस्था के आधार पर अलग-अलग कर दिया जाए और असुरक्षा को बढ़ावा दिया जाए।
भाजपा ने अंसारी की सोच पर उठाए सवाल
पूर्व उपराष्ट्रपति ने कहा कि ऐसे ट्रेंड्स को राजनीतिक और कानूनी रूप से चुनौती दिए जाने की जरूरत है। उधर, हामिद अंसारी के इस बयान पर बीजेपी नेता और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने पलटवार किया है। नकवी ने कहा कि मोदी की आलोचना करने का पागलपन अब भारत की आलोचना करने की साजिश में बदल गया है। उन्होंने कहा, ‘जो लोग अल्पसंख्यकों के वोट का शोषण करते थे, वे अब देश के सकारात्मक माहौल से चिंतित हैं।
कब हुआ था कार्यक्रम का आयोजन
इस कार्यक्रम का आयोजन 17 अमेरिकी संगठनों ने कराया था जिसमें भारतीय अमेरिकी मुस्लिम काउंसिल भी शामिल है। इस समूह को त्रिपुरा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए गए अपने शपथपत्र में आरोप लगाया था कि उसके आईएसआई और अन्य उग्रवादी गुटों के साथ लिंक हैं। उधर, काउंसिल ने त्रिपुरा सरकार के इस दावे को खारिज किया था और कहा था कि वे एक अमेरिकी नागरिक अधिकार संगठन हैं।